लापरवाही: 33 करोड़ की सड़कों का एक एक साल से रुका

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास कार्य के तहत नगर निगम क्षेत्र में 35 करोड़ की सड़कें सेंक्शन हुई थी। शहर के विकास का सपना दिखाकर शुरु हुआ इन सड़कों का काम अब राजनीतिक खींचातानी में उलझ गया है। कुछ दिनों तक काम शुरु करने के बाद ठेकेदार ने सड़कों का काम सरेंडर कर दिया। लेकिन उसके बाद न तो कोई अधिकारी और न ही ठेकेदारों ने इन सड़कों का काम शुरु करने की कोशिश करवाई। अब हालत ये हैं कि पूरा मामला पिछले एक साल से उलझा हुआ है।
नगर निगम गठन के बाद शहर से जुड़े 24 गांवों में आंतरिक सड़कों को स्वीकृति प्रदान की गई थी। 33 करोड़ में इन 10 सड़कों का काम होना था लेकिन प्रदेश में बदले सत्ता के समीकरण के चलते सबसे ज्यादा नुकसान छिंदवाड़ा को उठाना पड़ रहा है। एक साल से इन सड़कों का काम बंद पड़ा है। जिस ठेकेदार ने पहले टेंडर लिया था उसने भी काम सरेंडर कर दिया। बैकों से एग्रीमेंट प्रक्रिया पूरी है लेकिन शासन स्तर पर प्रक्रिया को आगे ही नहीं बढ़ाया जा रहा है। जिस वजह से पूरा मामला लटका हुआ है।
6 करोड़ में 32 प्रतिशत काम
इन सड़कों के निर्माण के लिए पहले 6 करोड़ की राशि नगर निगम के पास आई थी। जिसमें ठेकेदारों ने 32 प्रतिशत काम किया, लेकिन उसके बाद शासन स्तर से ही फंड की दिक्कत आने के कारण पूरा मामला लटका दिया गया। सत्ता बदली तो ठेकेदारों ने भी काम करने से हाथ खड़े कर दिए। जितना फंड आया था उतना पैसा लेकर पूरा काम सरेंडर कर दिया।
अब दिक्कत कहां...
- जिन सड़कों का काम शुरु हुआ था वह एक साल से अधूरा पड़ा हुआ है। अधूरी सड़कों की वजह से रहवासी परेशान है। शिकायत कर रहे हैं लेकिन अफसरों के हाथ में भी कुछ नहीं है।
- शहर के मुख्य वार्डों को जोडऩे वाली सड़कें इस प्रोजेक्ट में शामिल है। नेता भी परेशान है कि वे अगले चुनाव में क्या मुंह लेकर जनता के बीच जाएंगे। सड़कों के विकास का जो दावा पिछले चुनाव में किया था वह आज भी पूरा नहीं हो पाया।
इनका कहना है...
- मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास से जुड़ी सड़कों से संबंधित प्रक्रिया भोपाल स्तर से ही होना है। फंड की कमी से काम रुका हुआ है।
ईश्वरसिंह चंदेली
ईई, नगर निगम
Created On :   13 Dec 2020 10:04 PM IST