शिशु को फोटो थेरेपी मशीन में रख नर्स सोती रही ओवर हीटिंग से मौत

New born died in over hitting in photo therapy machine,negligence
शिशु को फोटो थेरेपी मशीन में रख नर्स सोती रही ओवर हीटिंग से मौत
शिशु को फोटो थेरेपी मशीन में रख नर्स सोती रही ओवर हीटिंग से मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नवजात शिशु को फोटो थेरेपी मशीन में रख नर्स सो गई। अबोध शिशु  ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इलाज कराने बालक को निजी अस्पताल में लाया गया था लेकिन नर्स की घोर लापरवाही के चलते बालक की मौत हो गई।  नवासा पैदा होने से पटेल परिवार खुश था, पर उनकी खुशी 11वें दिन मातम में बदल गई।जानकारी के अनुसार  हंसते-खिलखिलाते शिशु को जांच के लिए अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने पीलिया की शिकायत होने से भर्ती करा लिया। सुबह-सुबह उसकी फोटो थेरेपी मशीन में ही मौत हो गई। मां दीपिका कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। परिजनों ने शिशु के मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, पर अस्पताल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है। डॉ. कुश झुनझुनवाला ने इस घटना पर अफसोस जताया, लेकिन मौत की वजह जांच-पड़ताल के बाद ही पता चलने की बात कहकर स्पष्ट जवाब देने से टाल दिया। 

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे
शिशु के मौत की दर्दनाक घटना गांधीबाग के झुनझुनवाला अस्पताल में घटी। शिशु का जन्म 27 जून को क्वेटा कॉलोनी स्थित रिधोरकर अस्पताल में हुआ था। शिशु के मामा अंकित पटेल पूरी बात बताई। उन्होंने कहा-प्रसूति के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। 4 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। छुट्टी के समय डॉ. रिधोरकर की सलाह से शिशु को डॉ. झुनझुनवाला अस्पताल ले जाकर स्वास्थ्य जांच कराई गई। 10 दिन बाद शनिवार को नियमित जांच के लिए शिशु को पुन: झुनझुनवाला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने जांच करने पर पीलिया के लक्षण दिखाई देने की बात शिशु की माता को बताया और उसे भर्ती करने की सलाह दी। डॉक्टर के कहने पर शनिवार शाम 5 बजे उसे झुनझुनवाला अस्पताल में भर्ती किया गया। उसे फोटो थेरेपी मशीन में रखा गया। उसी मशीन में सुबह 6.30 बजे शिशु मृत पाया गया।

डॉक्टर वार्ड से नदारद
शिशु को एनएसयू वार्ड में रखा गया था। वहां 24 घंटे डॉक्टर रहना अपेक्षित है। हैरत की बात है कि वार्ड में कोई भी डॉक्टर नहीं था। ड्यूटी पर मौजूद नर्स सोई हुई थी। शिशु की माता ने उसे जगाया। उसके मशीन में देखने तक काफी देर हो चुकी थी।

यहां हुई गड़बड़ी
फोटो थेरेपी में लगे वार्मर को जिस तापमान पर सेट किया जाता है, उससे तापमान बढ़ जाने पर निगेटिव फीडबैक आता है। इस मशीन में निगेटिव फीडबैक नहीं आया। शिशु का शरीर काला पड़ जाने से औवर हिटिंग के कारण मृत्यु होने की आशंका जताई जा रही है। केबल जलने की घटना हुई थी। डॉॅ. झुनझुनवाला ने बताया कि 15 दिन पहले अल्ट्रासाउंड मशीन में ओवरलोड करंट सप्लाई होने से केबल जलने की घटना घटी थी। हालांकि इस संबंध में बिना जांच-पड़ताल के वह कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।

अस्पताल ने स्वीकारा कि नर्स सो रही थी इसलिए हादसा हुआ
शिशु की माता ने तड़के 3.30 बजे आखिरी स्तनपान कराया। इसके बाद यदि बच्चा रोता है, तो उसे स्तनपान कराने के लिए माता को बुलाने की बात कहकर उसे बाहर रहने के लिए कहा गया। जब कोई बुलाने नहीं आया तो माता 5 बजे स्वयं स्तनपान कराने गई। नर्स ने यह कहकर उसे वापस लौटा दिया कि वह नींद में है। जब जागेगा, तब आवाज दे देंगे। सुबह 6.30 बजे तक वह इंतजार करती रही। कोई बुलावा नहीं आने पर स्वयं वार्ड में गई। वार्ड में डॉक्टर नहीं थे। नर्स सोई हुई थी। उसे आवाज देकर जगाया। नर्स उठकर फोटो थेरेपी मशीन के पास गई। उसे शिशु की काेई हलचल नहीं दिखी। शिशु के शरीर को हाथ लगाकर देख तो गरम था। वह घबरा गई। उसने डॉक्टर को फोन पर सूचना दी। डॉ. झुनझुनवाला पहुंचे। उन्होंने देखा और बताया-बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा। अस्पताल प्रबंधन ने हमारे सामने भी स्वीकार किया कि नर्स सो रही थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने अपनी गलती भी मानी। घटना के बाद पुलिस में मौखिक शिकायत की थी। पुलिस की जांच में बार-बार नागपुर आने की झंझट से बचने के िलए बाद में िशकायत वापस ले ली गई।
-अंकित पटेल, दीपिका का भाई (शिशु का मामा)

शिशु की मौत की घटना दुर्भाग्यपूर्ण
शिशु की मौत की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। 17 वर्ष की कालावधि में पहली बार ऐसा हुआ है। फोटो थेरेपी मशीन में लगा वार्मर ओवर हिटिंग होने पर निगेटिव फीडबैक आता है, मगर इस मशीन में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मशीनों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही सही वजह का पता चल पाएगा। -डॉ. कुश झुनझुनवाला, अस्पताल संचालक

Created On :   8 July 2019 5:26 AM GMT

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