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NHRC का महाराष्ट्र सरकार को नोटिस, कहा जेलों में मां के साथ रखे बच्चों के बारे में पेश करें रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जेलों के निदेशकों को नोटिस जारी कर सही आंकडों के साथ रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है कि उनके यहां जेलों में अपनी मां के साथ कितने बच्चों को रखा गया हैं। दरअसल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यह नोटिस ओडिशा के जेलों में अपनी मां के साथ रह रहे 1 से 6 साल की उम्र के करीब 46 बच्चों (21 लड़के और 25 लड़कियां) की दुर्दशा के बारे में मीडिया में आयी खबरों का स्वत: संज्ञान लेकर जारी की है।
आयोग ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और जेलों के निदेशकों को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों के भीतर आंकडों के साथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इन 46 महिला कैदियों में 9 दोषी है और 36 अंडर ट्रायल है, जिनमें 30 महिला कैदी एससी और एसटी समुदाय से है।
आयोग ने कहा है कि जो बच्चें उनकी मां के साथ जेल में बंद है, न तो वे दोषी है और न ही किसी परीक्षण के तहत है। वे सभी भोजन, आश्रय, चिकित्सा, देखभाल, कपड़े, शिक्षा और मनोरंजन के हकदार है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बावजूद उन्हे यहां कुछ भी उपलब्ध नही कराया जा रहा है। आयोग ने कहा है कि यदि मीडिया में आयी खबरों की सामग्री सही है तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश इस तरह के बच्चों को उचित सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करने के लिए बहुत स्पष्ट हैं, लेकिन खबरों के अनुसार जमीनी हकीकत कुछ अलग है।
आयोग ने कहा है कि हालांकि यह रिपोर्ट ओडिशा राज्य के जोलों पर केन्द्रित है, लेकिन अन्य राज्यों की जेलों में भी इसी तरह के मामले हो सकते है जिन्हे अभी तक देखा नहीं गया है या वह सामने नही आए हैं। इसका संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और जेलों के निदेशकों को नोटिस जारी कर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक विकास के साथ उनके शैक्षिक उन्नयन जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित किए बिना जेल में अपनी मां के साथ कितने बच्चों को रखा गया है, इस बारे में आंकडों के साथ रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
Created On :   21 May 2018 8:58 PM IST