कारखाना दुर्घटनाओं में श्रमिकों की उच्च मृत्यु दर को लेकर एनएचआरसी का केंद्र-राज्यों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पंजीकृत कारखानों में दुर्घटनाओं में श्रमिकों की उच्च मृत्यु दर को लेकर केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गुरुवार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने सरकारों को पंजीकृत कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
एनएचआरसी ने श्रम और रोजगार मंत्रालय के कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 2017 से 2022 के बीच देश के पंजीकृत कारखानों में दुर्घटना से हर दिन औसतन 3 लोगों की मौत और 11 घायल हुए है। कथित तौर पर 2018 और 2020 के बीच 3331 मौतें दर्ज की गई है, लेकिन कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए केवल 14 लोगों को ही सजा सुनाई गई है।
आयोग ने कहा है कि केवल पंजीकृत कारखानों के मुख्य निरीक्षकों तथा औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशकों द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़े ही एकत्रित कर प्रस्तुत किए, जबकि भारत में 90 प्रतिशत श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। नई व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता पारित होने के दो साल बाद भी इसका कार्यान्वयन किया जाना अभी शेष है।
आयोग ने मीडिया की खबरों का स्वतः: संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम विभाग के सभी मुख्य सचिवों को उनके अधिकार क्षेत्र में कारखानों में दुर्घटनाओं के कारण श्रमिकों की मृत्यु तथा कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 40बी के अनुसार मृतकों और घायलों के परिजनों को दिया गया मुआवजा, कारखाने के मालिकों के खिलाफ चलाए गए मुकदमे और कारखानों में नियुक्त सुरक्षा अधिकारियों की संख्या के संबंध में नोटिस जारी करते हुए मामले में छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
Created On :   3 Feb 2023 5:46 PM IST