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निर्वाण का अर्थ है जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्ति : योगसागर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक था। इसे निर्वाण दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर दिगंबर जैन परवार मंदिर परवारपुरा में विराजमान आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य निर्यापक श्रमण योगसागर मुनि ने अपने प्रवचन में बताया कि युग के आदि में भगवान को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। निर्वाण का अर्थ होता है, जो जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो गए। अनंतकाल से युग है और अनंतकाल तक युग रहेगा इस में कई पवित्र आत्माएं आयी हैं और निर्वाण को प्राप्त हुई हैं। निर्वाण दिवस पर लाडू चढ़ाया जाता है।
उन्होंने कहा कि आखिर लाडू ही क्यों चढ़ाया जाता है। 56 प्रकार के व्यंजनों में, जो मुक्ति का मोदक होता है, उसे लाडू कहते हैं। आज भगवान ने अव्यावध मुख को प्राप्त किया है। सभी लोग ऐसी भावनाएं करें कि हमें भी रत्नात्रय की प्राप्ति हो। इन्हीं भावनाओं के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया जाता है। पर्व का अर्थ है कर्म खंड-खंड को प्राप्त हो और आत्मा से दूर हो। निर्वाण का अर्थ है, जो संज्ञाएं अनंत काल से चल रही थी वे शांत हो गयी। ऐसे कार्यक्रम आप सभी हमेशा करते रहें, ऐसी भावना मुनि महाराज ने व्यक्त की। भगवान आदिनाथ का अभिषेक करने का सौभाग्य नितीन वीरेंद्र पहलवान व पंकज बड़कुर परिवार को मिला। शांतिधारा का सौभाग्य राकेश लाला अशोक नगर व दीपांशु शुभांशु ठेकेदार को प्राप्त हुआ। दीप प्रज्वलन एवं चित्र अनावरण संतोष ठेकेदार, गुड्डा बाहुबली जबलपुर व राकेश लाला को प्राप्त हुआ। मंगलाचरण सेफाली जैन व संदीप पटेल ने गाया।
चढ़े निर्वाण लाडू
तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसरप पर परवार जैन मंदिर में निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। प्रथम निर्वाण लाडू चढ़ने का सौभाग्य पवन बड़कुर परिवार, जय कुमार जिप्पू भैय्या, हमलोग परिवार, संतोष ठेकेदार, प्रमोद गुडलक, राकेश जैन, सुनील जैन, श्रीधर जैन, विद्याधर जैन व प्रांजल जैन अशोक नगर प्राप्त हुआ। श्रीफल भेंट अखिल भारतीय पुलक जैन चेतना मंच, जैन मिलन, रब्बू चौधरी, सतेंद्र जैन, राजेंद्र पहलवान, नरेंद्र टड़ैया, विजय बमोरी, जय मामू, पवन कान्हीवाड़ा, शीतल प्रसाद ने किए। ट्रस्ट कमेटी के दिनेश जैन, शीतल एमपीएसटी, शैलेश जैन, विनय पटेल, विशाल जैन, संतोष देवडिया, सुमत लल्ला जैन ने सभी धर्मावलंबियों से समय पर उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने की अपील की है।
निकली शोभायात्रा
ट्रस्टी सुमत जैन लल्ला ने बताया कि त्रृषभनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर सुबह 7 बजे परवारपुरा जैन मंदिर से भगवान की पालकी के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा अहिंसा भवन, शहीद चौक, किराना ओली जैन मंदिर होते हुए परवारपुरा जैन मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में महावीर पाठशाला, ज्ञनोदय सेवा संघ, जैन वीर सेवा मंडल, प्यारे ग्रुप, जैन मिलन परिवार, मित्र परिवार, परवारपुरा महिला मंडल, जिनवाणी महिला मंडल के सदस्यों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रृद्धालु शामिल हुए।
Created On :   24 Jan 2020 11:54 AM IST