चार महीने से जिले में अतिरिक्त जिलाधीश नहीं, मुख्यमंत्री के समक्ष उठेंगे लंबित राजस्व के मामले

No additional collector in the district for four months, pending revenue matters will be raised before the Chief Minister
चार महीने से जिले में अतिरिक्त जिलाधीश नहीं, मुख्यमंत्री के समक्ष उठेंगे लंबित राजस्व के मामले
नागपुर चार महीने से जिले में अतिरिक्त जिलाधीश नहीं, मुख्यमंत्री के समक्ष उठेंगे लंबित राजस्व के मामले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 31 मार्च 2022 को शिरीष पांडे सेवानिवृत्त होने के बाद से अतिरिक्त जिलाधीश के  पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी है। करीब चार महीने से अतिरिक्त जिलाधीश का पद प्रभारी के भरोसे चल रहा है। फुलटाइम अतिरिक्त जिलाधीश नहीं होने से राजस्व, स्लम, जमीन में फेरफार व किराएदार-मकान मालिक विवाद के मामलों का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा है। 1 अप्रैल 2022 को करीब 500 मामले लंबित थे, जो अब बढ़कर 800 के पार हो गए है। वकीलों ने इस पर कड़ी नाराजी जताते हुए जिला प्रशासन के समक्ष यह मुद्दा उठाया। अब यह मामला अगले सप्ताह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समक्ष उठेगा। 

अतिरिक्त जिलाधीश राजस्व, स्लम, ग्राम पंचायत सदस्य की पात्रता, जमीन, खेत, मकान की फेरफार, मकान मालिक-किराएदार के बीच जारी विवाद पर सुनवाई लेते है। तहसीलदार व उपविभागीय अधिकारी जिन मामलों का निपटारा करते है, उन मामलों की अपील अतिरिक्त जिलाधीश के पास होती है। सामान्यत: एक साल में मामले का निपटारा होना चाहिए। पूर्व अतिरिक्त जिलाधीश सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सुनवाई लेते थे। विभागीय आयुक्तालय ने निवासी उपजिलाधीश विजया बनकर को अतिरिक्त जिलाधीश का प्रभार दिया है। जिला प्रशासन में जिलाधीश के बाद निवासी उपजिलाधीश का पद सबसे महत्वपूर्ण होने के साथ ही काम भी अधिक रहते हैं। 

दूरदराज व देहातों से जिलाधीश कार्यालय पहुंचनेवाले पीड़ितों को तारीख पर तारीख मिल रही है। पीड़ित तो तारीख पर पहुंच जाते हंै, लेकिन ऐन समय पर निवासी उपजिलाधीश को प्रशासनिक काम पूरा करना जरूरी हो जाता है। ऐसे समय तारीख दी जाती है। समय पर मामलों का निपटारा नहीं होने से लंबित मामले 800 के पार हो गए हैं। यही स्थिति रही तो लंबित मामलों की संख्या एक हजार तक पहुंच सकती है। 

नियमित सुनवाई लेना संभव नहीं

एड. कमल सतुजा, अध्यक्ष नागपुर जिला बार एसोसिएशन के मुताबिक निवासी उपजिलाधीश के पास खुद के ही बहुत काम है। ऐसे में उनका यहां अधिक समय देना या नियमित सुनवाई लेना संभव नहीं है। दूरदराज से पहुंचनेवाले पीड़ित यहां से तारीख लेकर जा रहे है। समय पर न्याय नहीं मिलने से पीड़ितों के मन में भ्रम पैदा होता है। वकील जिलाधीश से मिलने गए थे, लेकिन उनके कहने पर निवासी उपजिलाधीश को निवेदन दिया। चर्चा में जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने का भरोसा दिया है। तेजी से मामलों का निपटारा नहीं होने से वकील वर्ग बेहद नाराज है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समक्ष अगले सप्ताह यह मुद्दा उठाया जाएगा। पेंडेंसी तेजी से बढ़ रही है। 

सरकार को नियुक्ति करनी चाहिए 

आर. विमला, जिलाधीश का कहना है कि सरकार ने यहां अतिरिक्त जिलाधीश की तुरंत नियुक्ति करनी चाहिए। विभागीय आयुक्तालय की तरफ से निवासी उपजिलाधीश को प्रभार दिया गया है। 

 

Created On :   23 July 2022 6:49 PM IST

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