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आईपीएल की टिकट के लिए विदेशी बैंक के डेबिट व क्रेडिट कार्ट के दुरुपयोग के मामले में आरोपी को जमानत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई सत्र न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) की टिकट के लिए विदेशी बैंक के डेबिट व क्रेडिट बैंक का दुरुपयोग करने के मामले के एक आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है। आरोपी सुजीत ओझा पर कनाडा के एक शख्स के डेबिट व क्रेडिट कार्ड (रायल बैंक आफ कनाडा) का दुरुपयोग करने का आरोप है। हालांकि जमानत आवेदन में ओझा ने दावा किया था कि उसकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। वह बेगुन्हा उसे गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया है।
वहीं अभियोजन पक्ष ने न्यायाधीश डीएस देशमुख के सामने दावा किया कि 15 अप्रैल 2019 को मुंबई इंडियन व रायल चैलेंजर बेगलोर के बीच आईपीएल एक मैच हुआ था। इस मैच के 68 टिकट के लिए विदेशी बैंक के डेबिट व क्रेड़िट कार्ड का दुरुपयोग किया गया है। कुल मिलाकर इन कार्डों से दो लाख 35 हजार रुपए निकाले गए है। सायबर पुलिस को इस संबंध में शिकायकत मिली थी । शुरुआती जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका भी मिली है। जिन्हें भी पुलिस ने पकड़ा है। जहां तक बाद आरोपी ओझा की है तो वह इस प्रकरण का मुख्य संदिग्ध आरोपी है। जिसने अपने तकनीकि ज्ञान के जरिए आनलाइन आईपीएल के टिकट बुक किए थे। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि फिलहाल मामले की जांच जारी है और आरोपी जांच में प्रथम दृष्टया आरोपी की संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है। इसलिए आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।