प्लेन-कार से सभी यात्रा नहीं कर सकते

Not everyone can travel by plane-car
प्लेन-कार से सभी यात्रा नहीं कर सकते
नागपुर प्लेन-कार से सभी यात्रा नहीं कर सकते

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि रेल दुर्घटनाओं में पीड़ित या मृतक यात्रियों के परिवार को मुआवजा देने के लिए रेलवे अधिनियम के प्रावधानों पर उदारवादी तरीके से विचार होना चाहिए। मुआवजे के नियमों को एक संकुचित नजरिए से देखना सही नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि देश में करोड़ों ऐसे लोग हैं, जो प्लेन या निजी कार से यात्रा नहीं कर सकते। ट्रेन उनके लिए आवागमन का एक सुलभ साधन है। ऐसे में नियमों को संकुचित नजरिए से लागू करके घायलों के परिवार को मुआवजे से वंचित नहीं रखा जा सकता। इस निरीक्षण के साथ नागपुर खंडपीठ ने ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले 22 वर्षीय आकाश बरडे के परिवार को 8 लाख रुपए का मुआवजा 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है।

यह हुआ था : दरअसल 17 अप्रैल 2018 को एक युवक नागपुर-पुणे एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहा था। ट्रेन बेलापुर रेलवे स्टेशन पास थी, तो वह शौचालय जाने के लिए उठा। बोगी के गेट के पास खड़े होने पर उसका संतुलन बिगड़ा और ट्रेन से गिर कर उसकी मृत्यु हो गई। रेलवे की दलील थी कि युवक ने अपनी गलती से जान गंवाई है, ऐसे में रेलवे उसके परिवार को मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है।

 

Created On :   14 Feb 2023 7:12 PM IST

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