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  • Not Getting date - Regional Labor Commissioner part from Raipur Bilaspur with Nagpur is also charged

मिल रही तारीख: रीजनल लेबर कमिश्नर के पास रायपुर बिलासपुर के अलावा नागपुर का भी चार्ज

December 6th, 2021

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 2 हजार कर्मचारियों को सेंट्रल लेबल कमिश्नरेट से सुनवाई के लिए मिलने वाली तारीख का इंतजार है। रायपुर में जो रीजनल लेबल कमिश्नर हैं, उनके पास बिलासपुर के अलावा नागपुर का भी अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। रेलवे के कर्मचारियों ने घर भाड़ा भत्ता (एचआरए) नहीं मिलने के विरोध में यूनियन के माध्यम से सेंट्रल लेबर कमिश्नरेट में याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई 15 सितंबर को हुई थी, उसके बाद की तारीख अभी तक तय नहीं हो सकी है। सरकारी कर्मचारी अगर शासकीय क्वार्टर में नहीं रहता है, तो उसे सरकार की तरफ से घर भाड़ा भत्ता (एचआरए) मिलता है। एसईसी रेलवे नागपुर मंडल में कार्यरत कर्मचारियों को पिछले कई सालों से घर भाड़ा भत्ता नहीं मिल रहा है। एचआरए को लेकर मंडल रेल प्रबंधक से गुहार लगाई गई, लेकिन कोई बात नहीं बनी। एचआरए को लेकर कर्मचारियों की तरफ से यूनियन ने सेंट्रल लेबर कमिश्नरेट में मई 2021 में याचिका दायर की। 26 जुलाई को पहली सुनवाई हुई। दूसरी बार 15 सितंबर को सुनवाई हुई। एक महीने के भीतर दूसरी तारीख मिलनी चाहिए, लेकिन रायपुर में पदस्थ रीजनल लेबल कमिश्नर के पास बिलासपुर के अलावा नागपुर का भी अतिरिक्त चार्ज है। हद तो तब हो गई, जब दो महीने बाद भी यहां से तारीख नहीं मिल पा रही है। एक अधिकारी पर तीन जगह की जिम्मेदारी होने से काम का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा है। पौने तीन महीने का समय बीत गया, लेकिन अभी तक तारीख नहीं मिल सकी।

मुख्य उपायुक्त से मिले : समय पर सुनवाई नहीं होने से नाराज यूनियन के पदाधिकारी ने लेबर कमिश्नरेट के उपमुख्य उपायुक्त किशोर मलिक से मुलाकात कर समय पर सुनवाई करने की गुहार लगाई। एक अधिकारी के पास तीन चार्ज होने से समय पर सुनवाई नहीं होने का जवाब मिला। शीघ्र ही नए अधिकारी की नियुक्ति का भरोसा दिया। नए अधिकारी की नियुक्ति के बाद सुनवाई समय पर होने का दावा किया गया। 

कर्मचारियों ने जताई नाराजगी

विकास गौर, महासचिव स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन के मुताबिक नागपुर जैसे बड़े शहर में लेबर कमिश्नरेट में हर दिन कई मामले आते हैं। नागपुर में लंबे समय से रीजनल लेबर कमिश्नर का पद खाली पड़ा है। इसका सीधा असर सुनवाई पर हो रहा है। दो-दो महीने तक तारीख नहीं मिलती। ऐसे में समय पर इंसाफ मिलना मुश्किल है। रायपुर के अधिकारी के पास बिलासपुर व नागपुर का अतिरिक्त चार्ज है। मुख्य उपायुक्त ने 10 दिन में नए अधिकारी की नियुक्ति का भरोसा दिया है। समय पर सुनवाई नहीं होने से कर्मचारी नाराज हैं। 2 हजार कर्मचारियों को एचआरए नहीं मिल रहा। अधिकारी की कब नियुक्ति होगी आैर कब तक इंतजार करना होगा, यह कहना मुश्किल है। 


 

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