शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ मुंबई पुलिस दर्ज करें एफआईआर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना को उनके विधायकों द्वारा दी गई चुनौती के बीच राष्ट्रीय संरक्षण बाल आयोग ने सोमवार को मुंबई पुलिस को एक नोटिस भेजा है, जिसमें शिवसेना विधायक एवं पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ आरे बचाओ विरोध प्रदर्शन में नाबालिगों का इस्तेमाल करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया है। आरे बचाव आंदोलन में नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर मुंबई के सह्याद्री राइट्स फोरम के कानूनी प्रमुख धृतिमान जोशी ने एनसीपीसीआर को शिकायत की थी। इस शिकायत का संज्ञान लेकर एनसीपीसीआर ने आज मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि मुंबई पुलिस आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की तत्काल जांच करें। साथ ही नोटिस में कहा गया है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत बच्चों की पहचान कर उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए पेश किया जाए।
एनसीपीसीआर ने नोटिस में मुंबई पुलिस को आदेश दिया है कि इसके प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर एफआईआर की प्रति और बच्चों के बयान के साथ कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। आयोग के मुताबिक उसको मिली शिकायत में शिवसेना विधायक पर बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम, बाल और किशोर श्रम ( निषेध और विनियमन) अधिनियम के अनुच्छेद 21 और आईपीसी के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि मुंबई जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शिवसेना के युवा प्रकोष्ठ युवा सेना के तहत आरे बचाओ अभियान में नाबालिगों का इस्तेमाल किया है।
आरे बचाओ आंदोलन में बच्चों के इस्तेमाल का मामला
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सोमवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसलकर को नोटिस भेजकर आदित्य के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देते हुए तीन दिन में इस पर रिपोर्ट तलब की है। इस दौरान मुंबई पुलिस को आंदोलन में शामिल बच्चों की पहचान कर उनके बयान दर्ज कर उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने पेश करने को भी कहा है। साथ ही एफआईआर की प्रति और बच्चों के बयान के साथ एक्शन टेकन रिपोर्ट तीन दिन में आयोग के सामने पेश करने को कहा है। आयोग के मुताबिक मामले में बच्चों का राजनीतिक आंदोलन के लिए इस्तेमाल कर कानून का उल्लंघन किया गया है। दरअसल रविवार को आदित्य ठाकरे आरे आंदोलन में खुद भी शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं। तस्वीरों में बच्चे भी दिखाई दे रहे थे और उनके गले में तख्ती लटकी हुई थी जिसमें आरे और पेड़ बचाने के संदेश लिखे हुए थे। आदित्य के ट्वीट के आधार पर ही सह्यद्री राइट्स फोरम के ध्रुतिमन जोशी ने मामले की शिकायत की थी। जिसके आधार पर आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर फणसलकर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग के मुताबिक राजनीतिक आंदोलन के लिए बच्चों का इस्तेमाल बाल न्याय कानून की धारा 75 और बाल श्रम कानून की धारा 21 और 23 के साथ भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन है। इसलिए आयोग की अध्यक्ष की मंजूरी से यह नोटिस जारी किया जा रहा है।
Created On :   11 July 2022 8:14 PM IST