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13 सौ स्कूलों को बंद करने के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली ।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जिला परिषद द्वारा संचालित 1300 स्कूलों को बंद करने के फैसले पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मीडिया में छपी संबंधित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव के माध्यम से नोटिस जारी करते हुए मामले पर चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
फैसले पर आपत्ति: आयोग का मानना है कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा उन स्कूलों को बंद करके वहां के बच्चों को अन्य आसपास की स्कूलों में स्थानांतरित करने का निर्णय जनहित मे नही है, जिनमें दस से कम बच्चे पढ़ रहे हैं। आयोग के अनुसार उन बच्चों को अन्य स्कूलों में जाने के लिए ज्यादा दूरी तय करनी पडे़गी। इससे हो सकता है वह स्कूल जाना ही छोड़ दे। सरकार ने इस फैसले को लागू करने से पहले इस मुद्दे पर गहन अध्ययन करना चाहिए था ताकि बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन नही किया जा सके।
ग्रामीण छात्रों की शिक्षा होगी प्रभावित: आयोग के अनुसार सरकार के शिक्षा विभाग के इस फैसले से विशेष रुप से ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि वे निजी स्कूलों की महंगी शिक्षा वहन नही कर सकते। आयोग ने राज्य के शिक्षा विभाग के हवाले से कहा है कि जिन स्कूलों में बच्चे कम है वहां शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है। लेकिन इससे छात्रों के घर स्कूल की दूरी बढ़ जायेगी। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा पांच तक पढने वाले छात्रों की घर से स्कूल की दूरी 1 किलोमीटर से कम और कक्षा 6 से 8 तक दूरी तीन किलोमीटर से कम होनी चाहिए। जबकि 21 दिसंबर 2017 को लिए गए नवीनतम निर्देशों के अनुसरण में रैरेश्वर स्थित स्कूल बंद हो जायेगा, जहां से अन्य स्कूल 35 किमी की दूरी पर है। छात्रों को वहां पहुंचने में लगभग दो घंटे लगेंगे। रैरेश्वर स्कूलों के शिक्षकों के अनुसार मानसून में रैरेश्वर स्थित 35 किमी की दूरी पर बने स्कूल तक जाना मुमकीन नही है। मालवादी और केशवनगर स्थित स्कूल का भी यही हाल है।
Created On :   28 Dec 2017 7:45 PM IST