अब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी

Now electricity subsidy will not be available more than Rs 20 crore
अब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी
जाते जाते आघाड़ी सरकार का फैसला अब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ’कौशिक’। विदर्भ, मराठवाड़ा सहित औद्योगिक रूप से राज्य के पिछड़े इलाको के उद्योगों के लिए दी जा रही बिजली सब्सिडी को लेकर राज्य की पिछली महा आघाड़ी सरकार ने जाते जाते महत्वपूर्ण फैसला लिया। 23 जून 2022 को जारी शासनादेश के मुताबिक प्रत्येक उद्योग को अब अधिकतम 20 करोड़ रुपए तक ही छूट मिल सकेगी। दरअसल विदर्भ, मराठवाड़ा सहित औद्योगिक तौर पर पिछड़े जिलों  में उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को बिजली इस्तेमाल पर छूट देने का निर्णय वर्ष 2016 में तत्कालीन फडणवीस सरकार लिया था। उस समय तय किया गया था कि पहले चरण में 1200 करोड़ रूपये तक की छूट दी जाएगी। लेकिन चंद बड़े उद्योग ही इस छूट का अधिकांश हिस्सा हड़प कर जा रहे थे। कुल 1200 करोड़ रुपये की सालाना छूट में से करीब 65 फीसदी राशि महज 15 उद्योगपतियों के हिस्से जा रहा था। बाकी उद्योगों के मालिक सब्सिडी की आस लगाए बैठे रहते थे पर उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता था।

अब तक दी गई 7200 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी

राज्य सरकार ने बिजली छूट के तहत अब तक करीब 7200 करोड़ रूपये की छूट उद्योगपतियों को दी है, जिसमें से अधिकांश रकम 15 बड़े उद्योगों के हिस्से ही आई है। इस बात की शिकायत कई बिजली उपभोक्ता संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने सरकार से की। ’दैनिक भास्कर’ ने भी इसको लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसको लेकर अदालत में जनहित याचिका भी दाखिल किया गया। इसके बाद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने मामले से संबंधित लोगों  के साथ बैठक की। पूरा मामला समझने के बाद तत्कालीन ऊर्जा मंत्री नितिन राउत व वित्तमंत्री पवार ने सबंधित अधिकारियों को खूब खरी-खोटी भी सुनाई और बिजली छूट नीति में सुधार के लिए आईएएस अधिकारी विजय सिंघल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर सब्सिडी के लिए नए नियम बनाए गए हैं। 20 करोड़ की सीमा निर्धारित करने का फैसला
सिंघल समिति की रिपोर्ट पर अमल करते हुए बीते 23 जून को जारी आदेश के तहत  विदर्भ, मराठवाड़ा और डी ग्रेड व ड  प्लस जिलों में कारखाना लगाने वाले उद्योगपतियों को अधिकतम बिजली छूट 20 करोड़ रुपए तक ही मिल सकेगी। जबकि इसके पहले कुछ खास उद्योगपति 100 से 200 करोड़ रूपये तक की बिजली सब्सिडी हड़प रहे थे।

राज्य के सभी जिलों को छूट लाभ देने की मांग

वेस्टर्न महाराष्ट्र स्टील मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन सहित अन्य व्यापारिक संगठनों ने विदर्भ, मराठवाड़ा और पिछड़े जिलों के साथ-साथ पश्चिम महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र, कोंकण विभाग के उद्योगों को भी बिजली में छूट देने की मांग की है। बताया जा रहा है पिछली सरकार के वित्तमंत्री अजित पवार ने राज्यभर के उद्योगों को 500 करोड़ बिजली में छूट देने के राशि का प्रावधान किया था। फिलहाल सभी जिलों को बिजली सब्सिडी का लाभ मिलने की उम्मीद कम है।

एड. विनोद सिंह, याचिकाकर्ता के मुताबिक विदर्भ, मराठवाड़ा सहित महाराष्ट्र के पिछड़े जिलों को दी जा रही बिजली सब्सिडी का बटवारा गलत तरीके से हो रहा था। अब नई सरकार ने इसके लिए एक सीमा तय कर दी है। यह अच्छी बात है। पर गलत तरीके से बिजली सब्सिडी का लाभ उठाने वालों के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। इसको लेकर मैने जनहित याचिका दाखिल की है, जिसकी कभी भी सुनवाई शुरू हो सकती है। 

 

 

Created On :   20 July 2022 9:46 PM IST

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