श्री सम्मेद शिखरजी के बाद अब पालीताना तीर्थ स्थल के लिए आंदोलन करेगा जैन समाज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारी विरोध और रैलियों के बाद "श्री सम्मेद शिखरजी' को पर्यटन स्थल घोषित करने का फैसला केंद्र और झारखंड सरकार द्वारा वापस लिए जाने से जैन समुदाय खुश तो है लेकिन गुजरात के पालीताना तीर्थ की रक्षा से जुड़े मुद्दे पर कोई फैसला न लिए जाने से नाराज भी है। आरोप है कि पालीताना तीर्थ के आसपास असामाजिक गतिविधियां चल रहीं हैं और राज्य सरकार इस पर लगाम नहीं लगा पा रही है। इस मामले पर 1100 से ज्यादा जैन संघों के समूह श्री मुंबई जैन संघ संगठन से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार अगर पालीताना तीर्थ से जुड़ी मांगे नहीं मानती तो विरोध प्रदर्शनों और रैलियों का सिलसिला जारी रहेगा।
संगठन के संयोजक नितिन वोरा ने कहा कि श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने पर रोक लगाने के कदम का हम केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देते हैं लेकिन हमारी सारी मांगे पूरी नहीं हुईं हैं। 90 से ज्यादा रैलियों में पालीताना तीर्थ रक्षण का भी मुद्दा उठाया गया था। यह मुद्दा अभी तक हल नहीं किया गया। अगर सरकार जल्द कदम नहीं उठाती तो रैलियों और विरोध प्रदर्शन का सिलसिला एक बार फिर शुरू होगा। वोरा के साथ संगठन से जुड़े कमलेश भाई, पूजा बेन, स्नेहल शाह, कुमार दोषी और विपुल शाह ने भी मीडिया से बातचीत की। पूजा बेन ने कहा कि पालीताना में स्थित श्री शत्रुंजय तीर्थ, जैन समाज का बेहद पवित्र तीर्थ है जहां पिछले कुछ वर्षों से असामाजिक तत्व गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। इससे तीर्थ क्षेत्र को हानि हो रही है। यहां सैकड़ों वर्ष पुरानी भगवानजी की चरण पादुका को तोड़ा गया। जैस साधुजी को अपशब्द कहे गए और उन्हें मारने का भी प्रयत्न किया गया। इसके अलावा यहां अवैध खनन, जमीन पर अवैध कब्जे समेत 19 मुद्दे हैं जिन्हें हल किया जाना है। गुजरात में शराब बंदी है लेकिन तीर्थ स्थल के आसपास शराब की अवैध भट्ठियां हैं। हमारी सरकार से अपील है कि इन परेशानियों को हल किया जाए वरना समाज विरोध प्रदर्शन की सिलसिला जारी रखेगा।
Created On :   6 Jan 2023 9:09 PM IST