गुजरातियों के खिलाफ आक्रामक हुई MNS, सदन में गूंजा शिवसेना कार्यकर्ता आत्महत्या मामला

Now MNS aggressors against the Gujaratis, sign board ‌breaks
गुजरातियों के खिलाफ आक्रामक हुई MNS, सदन में गूंजा शिवसेना कार्यकर्ता आत्महत्या मामला
गुजरातियों के खिलाफ आक्रामक हुई MNS, सदन में गूंजा शिवसेना कार्यकर्ता आत्महत्या मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उत्तरभारतीयों के बाद अब गुजराती महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS)  के निशाने पर हैं। रविवार को गुडीपाडवा रैली में MNS अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा गुजरातियों के खिलाफ टिप्पणी के बाद MNS कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर गुजराती भाषा में लगाए गए बोर्ड तोड़ दिया। रविवार की रात रैली से लौट करे MNS कार्यकर्ताओं ने मुंबई-अहमदाबाद महामार्ग पर वसई के समीप गुजराती में लिखे बोर्ड को तोड दिया। सोमवार को महानगर के पश्चिमी उपनगर कांदीवली में MNS कार्यकर्ताओं ने गुजराती  भाषियों के दुकानों पर गुजराती भाषा में लगाए गए बोर्ड पर तोड़फोड़ की। MNS प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि महाराष्ट्र में गुजराती बोर्ड क्योें लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी का सम्मान करना पड़ेगा। राकांपा विधायक जीतेंद्र आव्हाण ने भी महाराष्ट्र में गुजराती में साईन बोर्ड लगाने का विरोध किया। जबकि कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने कहा कि MNS का तरीका गलत है पर महाराष्ट्र में गुजराती भाषा साईन बोर्ड लगाने की क्या जरूरत है। गौरतलब है कि राज ठाकरे अपनी हर रैली में उत्तरभारतीयों पर निशाना साधते हैं। लेकिन गुडीपाडवा रैली में इस बार गुजराती उनके निशाने पर रहे।  

विपक्ष के नेता के बयान पर शिवसेना विधायक ने जताया एतराज 
नोटबंदी और GST कर प्रणाली की वजह से खुदकुशी करने वाले शिवसेना कार्यकर्ता राहुल फालके की मामला सोमवार को विधानसभा में उठा। विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सतारा के शिवसेना कार्यकर्ता राहुल फालके की आत्महत्या का प्रायश्चित करते शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को लोकसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।इसे लेकर कांग्रेस और शिवसेना सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। विखे पाटिल ने कहा कि खुदकुशी करने वाले युवक फालके ने अपनी आत्महत्या के लिए नोटबंदी और GST को जिम्मेदार बताया है। विपक्ष ने नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने बगैर किसी तैयारी के नोटबंदी की जिससे उद्यो-धंधे तबाह हो गए। इस विषय को लेकर उन्होंने स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे अध्यक्ष ने नकार दिया।हालांकि अध्यक्ष ने सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर जरूर दिया। विपक्ष के नेता ने कहा कि शिवसेना को इस आत्महत्या का संज्ञान लेना चाहिए। 

उठे सवाल 
शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे पर विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं के लिए यह नौबत आ गई।उन्होंने शिवसेना से सवाल किया कि क्या पार्टी अब अपनी भूमिका बदलेगी ? इस पर शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने कहा कि कांग्रेस शिवसैनिक फालके की आत्महत्या को लेकर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि फालके की मौत की खबर मिलने के बाद शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने उसके परिवार से मुलाकात कर 20 लाख रुपए की मदद देने की बात कही है। प्रभु ने कहा कि फालके के परिवार की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे ने उठाने का आश्वासन दिया है। प्रभू ने कहा कि TMC का अविश्वास प्रस्ताव एक राज्य के हित के लिए लाया गया है। यदि इसमें देशहित होता तो शिवसेना जरूर उसका समर्थन करती। 

Created On :   19 March 2018 2:39 PM GMT

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