नागपुर के बाद अब नाशिक को मिला मेट्रो रेल का तोहफा, मिशन मंगल भी हुई टैक्स फ्री

Now Nashik gets gift of Metro Rail, Mission Mangal tax free
नागपुर के बाद अब नाशिक को मिला मेट्रो रेल का तोहफा, मिशन मंगल भी हुई टैक्स फ्री
नागपुर के बाद अब नाशिक को मिला मेट्रो रेल का तोहफा, मिशन मंगल भी हुई टैक्स फ्री

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाशिककरों के लिए भी सरकार ने मेट्रो रेल का तोहफा दिया है। मंत्रिमंडल ने 33 किलोमीटर के मुख्यमार्ग और 26 किलोमीटर की पूरकमार्ग वाली मेट्रो रेल को मंजूरी दे दी है। यह मेट्रो बिजली और बैटरी इन दोनों ऊर्जा स्त्रोतों से चलेगी इसलिए यह मेट्रो रेल देशभर में खास होगी। नाशिक महानगर प्रदेश की बढ़ती आबादी को देखते हुए राज्य सरकार ने आधुनिक और प्रदूषण मुक्त सार्वजनिक परिवहन प्रणाली शुरू करने का फैसला लिया। शहर के संकरे रास्तों के चलते भी यह परियोजना नाशिक के लोगों के लिए बड़ी राहत लाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक दो मुख्य मार्गों पर बिजली से मेट्रो चलाई जाएगी जबकि पूरकमार्गों पर यह बैटरी से चलेगी। गंगापुर से नाशिक रोड रेलवे स्टेशन तक मुख्य उन्नत मार्ग होगा। इसकी लंबाई 22.5 किलोमीटर होगी और इस पर 20 स्टेशन होंगे। दूसरा मुख्य मार्ग गंगापुर से मुंबई नाका तक होगा इसकी दूरी 10.5 किलोमीटर होगी और इसके बीच 10 स्टेशन होंगे। इसके अलावा मुंबई नाका से सातपुर कालोनी के बीच 11.5 किलोमीटर और नाशिक स्टेशन से नांदुरनाका होते हुए शिवाजी नगर तक 14.5 किलोमीटर तक मेट्रो चलेगी। इस पूरी परियोजना का अनुमानित खर्च 2100 करोड़ रुपए होगा। परियोजना केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम के तहत आने वाली महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिडेट (महा-मेट्रो) कंपनी के जरिए पूरी की जाएगी। परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ नाशिक महानगर पालिका, सिडको, एमआईडीसी भी आर्थिक सहयोग देंगी। 

सौरकृषि पंप योजना के दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी - 1531 करोड़ रुपए होंगे खर्च 

मुख्यमंत्री सौरकृषि पंप योजना के दूसरे और तीसरे चरण को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। योजना को लागू करने के लिए 75 हजार कृषि पंप लगाए जाएंगे। इसके 1531 करोड़ रुपए खर्च को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना के चरण 2 और 3 को 18 महीनों तक चलाया जाएगा। लाभार्थी को सौर कृषि पंप के टेंडर की कीमत की 10 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति-जनजाति लाभार्थियों को 5 प्रतिशत राशि देनी होगी। 

उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र जमा कराने के लिए मिली ज्यादा अवधि 

प्रदेश में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के चुनाव में आरक्षित सीटों पर लड़ने वाले उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करने के 12 महीने की अवधि तक जाति वैधता प्रमाणपत्र जमा करा सकेंगे। राज्य में 30 जून 2020 तक होने वाले जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत चुनावों के लिए यह फैसला लागू रहेगा। इसके लिए बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र ग्रामपंचायत अधिनियम और महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी। इसके लिए राज्यपाल सी विद्यासागर को अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की जाएगी। 

मिशन मंगल टैक्स फ्री

महाराष्ट्र में हिंदी फिल्म मिशन मंगल को टैक्स फ्री कर दिया गया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मिशन मंगल का राज्य जीएसटी वापस करने को मंजूरी दी। मिशन मंगल फिल्म के टिकट बिक्री का 31 दिसंबर 2019 तक राज्य जीएसटी वापस देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। 

पर्यटन के वित्तीय प्रोत्साहन की राज्य जीएसटी वापस 

प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं को दी जाने वाली वित्तीय प्रोत्साहन पर राज्य जीएसटी के हिस्से को वापस करने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने किया है। इससे प्रदेश में पर्यटन को गति मिल सकेगी। राज्य सरकार की पर्यटन नीति के तहत पर्यटन परियोजना को विभिन्न वित्तीय व अन्य सहूलियत दी जाती है।

गिला कचरे से खाद बनाने वाले शहरों को मिलेगा अनुदान

प्रदेश में गिले कचरे से खाद तैयार करने वाले शहरों को प्रोत्साहन अनुदान देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लागू करके कचरा मुक्त मानकों के अनुसार तीन स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाले शहरों को 1 जनवरी 2020 से विवेकाधीन अनुदान देने को मंजूरी दी गई है। शहरों के स्थानीय नगर निकायों को 1,500 रुपए प्रति मेट्रिक टन अथवा सरकार द्वारा तय किए जाने वाली राशि को अनुदान के रूप में दी जाएगी। 

गडचिरोली, चंद्रपुर, वर्धा में शराब बंदी से जुड़े कानून का उल्लंघन करनेवालों के लिए और सख्त किया गया कानून

गडचिरोली, चंद्रपुर, वर्धा जिलों में शराबबंदी से जुड़े कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। कानून जल्द लागू हो इसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश जारी करेगी। राज्यमंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा पूर्ण शराबबंदी वाले क्षेत्रों और निर्धारित सीमा वाले क्षेत्रों की नई परिभाषा भी तय की गई है। मोटा मुनाफा होने के चलते प्रतिबंधित जिलों में शराब के अवैध व्यवसाय से जुड़े लोग शिकायतकर्ताओं और अधिकारियों को धमकाने और मारपीट करने से भी नहीं चूकते। इसीलिए महाराष्ट्र शराबबंदी अधिनियम 1949 की धारा 65, 66, 68, 83, 85 और 86 के तहत सजा बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। कानून की कुल 12 धाराओं में सुधार किया गया है। मौजूदा कानून के तहत शराब की अवैध विक्री करने वालों को 3 से 5 साल तक कैद या 25 से 50 हजार रूपए दंड अथवा दोनों सजाएं दी जा सकतीं हैं लेकिन अब पहली बार अपराध करने पर 3 से 5 साल तक कैद, 25 हजार से एक लाख तक जुर्माना या बरामद शराब की दुगनी कीमत तक आर्थिक दंड वसूला जाएगा। दूसरी बार जुर्म करने पर 5 से 7 साल तक कैद, 1 से 2 लाख रुपए जुर्माना या जब्त शराब की कीमत का तीन गुना जुर्माना लगेगा। तीसरी बार अपराध करने पर 7 से 10 साल कैद, 2 से 5 लाख जुर्माना या जब्त शराब की कीमत का पांच गुना जुर्माना लगाया जाएगा। अपराध के लिए जगह देने पर भी 6 महीने कैद और 10 हजार रुपए तक का दंड दिया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिबंधित इलाके में मादक पदार्थ का सेवन करने वालों के लिए भी अधिक सजा का प्रावधान किया गया है। पहली बार 6 महीने कैद 10 हजार जुर्माना, दूसरी बार 2 साल कैद 20 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा दर्ज मामलों में कानून सहायता के लिए राज्य सरकार ठेके पर कानूनी विशेषज्ञों की सलाह लेगी। कुल 37 सलाहकारों की नियुक्ति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। फैसले के मुताबिक नियुक्त लोगों को के भुगतान के लिए 1 करोड़ 1 लाख 76 रुपए का प्रावधान किया गया है।

Created On :   28 Aug 2019 4:38 PM GMT

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