नागपुर : अब उद्यानों में ही बनेगी जैविक खाद, लगेंगी मशीनें

Now organic manure will be made in gardens, machines will install
नागपुर : अब उद्यानों में ही बनेगी जैविक खाद, लगेंगी मशीनें
नागपुर : अब उद्यानों में ही बनेगी जैविक खाद, लगेंगी मशीनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी के सार्वजनिक उद्यानों से रोजाना बड़े पैमाने पर कचरा निकलता है। इस कचरे में पेड़ों की सूखी पत्तियां, टहनियां व घास का समावेश होता है। उद्यानों की नियमित सफाई के बाद कचरे को सामान्य कचरे के साथ डाल दिया जाता है, जिसके चलते कचरे का कोई उपयोग नहीं हो पाता है। मनपा के उद्यान विभाग ने पौधों के कचरे और सूखी घास से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया को शुरू किया है। इस प्रक्रिया में श्रेडर मशीनों की खरीदी के लिए केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी और राज्यसभा सांसद डॉ. विकास महात्मे की सांसद निधि को उपयोग में लाया जा रहा है। उद्यानों के लिए 5 मशीनों की खरीदी के लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने 20 लाख रुपए मुहैया कराए हैं, जबकि राज्यसभा सांसद डॉ. विकास महात्मे ने 6 मशीनों के लिए 23 लाख रुपए की निधि दी है।

जैविक खाद बनाने के लिए आर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर मशीनों को मुहैया कराने की जिम्मेदारी मॉयल (मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड) ने ली है। करीब 2 करोड़ की लागत से मॉयल प्रशासन 11 मशीनों को खरीदकर उद्यान विभाग को मुहैया कराएगा। शहर के 11 उद्यानों में इन मशीनों को बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कर स्थापित कर दिया गया है। फिलहाल मशीनों को प्रायोगिक तौर पर चलाया जा रहा है। मॉयल प्रशासन ने 2 करोड़ रुपए की सीएसआर निधि से जैविक खाद बनाने वाली मशीनों की खरीदी प्रक्रिया शुरू की है। अगले दो माह में इन मशीनों को मनपा के उद्यान विभाग को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इसके बाद श्रेडर मशीनों के साथ ही कन्वर्टर को नियमित रूप से संचालन के लिए आरंभ किया जाएगा। 

शहर के उद्यानों में रोजाना पेड़ों से गिरने वाले सूखे पत्ते, टहनियों और सूखी घास का कचरा निकलता है। इस कचरे को सामान्य कचरे के साथ ही भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में भेजा जाता है। इसके लिए संसाधनों पर काफी खर्च किया जाता है। मनपा का उद्यान विभाग इस खर्च को बचाने की कोशिश में है। उद्यानों के लिए जरूरी जैविक खाद का निर्माण इन्हीं जमा हुए कचरे से किया जाएगा। इसके लिए शहर के अंबाझरी समेत 11 उद्यानों में करीब 44 लाख रुपए की सांसद विकास निधि से श्रेडर मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों से घास, सूखी पत्तियों के छोटे-छोटे टुकड़े किये जाएंगे। इसके बाद जैविक खाद बनाने वाली मशीनों में इसे डाला जाएगा जिससे खाद बनेगा। जैविक खाद बनाने वाली मशीनों को 2 करोड़ की सीएसआर निधि से मॉयल प्रशासन मुहैया कराएगा।
 

Created On :   1 Sep 2019 1:44 PM GMT

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