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अब टेररिस्ट से निपटने महाराष्ट्र पुलिस लेगी किताबों का सहारा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कट्टरता, अतिवाद और आतंकवाद से निपटने महाराष्ट्र पुलिस मराठी भाषा में किताबें तैयार कर रही है। इन किताबों में आतंकवाद पर अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में लिखी गई अच्छी किताबों का सार होगा। आतंकवाद से जुड़े मामलों से निपटने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों को ये किताबें पढ़ने के लिए दी जाएंगी। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी के मुताबिक, यह एक नई पहल है। मराठी में कुल तीन किताबें तैयार की जाएंगी। इनमें से एक पिछले सप्ताह प्रकाशित भी की जा चुकी है।
350 पेज की यह किताब आतंकवाद पर अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में लिखी गई 30 सबसे ज्यादा पढ़ी गई किताबों की मदद से तैयार की गई है। किताब में आतंकवादी की मानसिकता, आतंकियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के तरीके, हालिया बड़े आतंकी हमलों और आतंकियों को मुख्यधारा में वापस लाने से जुड़ी जानकारी दी गई है।
किताब तैयार करने में ब्रिटेन में जन्में और आतंकी गिरोह में शामिल होने के बाद मुख्य धारा में लौटे एड. हुसैन की बहुचर्चित किताब द इस्लामिस्ट: ह्वाई आई ज्वाइन्ड रैडिकल इस्लाम इन ब्रिटेन, ह्वाट आई सॉ इनसाइट एंड ह्वाई आई लेफ्ट किताब की भी मदद ली गई है। यह किताब 2007 में प्रकाशित हुई थी। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने भी महाराष्ट्र पुलिस के इस कदम की सराहना की है।
आठ लघु फिल्में भी तैयार
आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एटीएस लोगों को भी जागरूक करेगी। इसके लिए आठ लघु फिल्में तैयार की गईं हैं। इन लघु फिल्मों के जरिए आतंकवाद के मुद्दे को लोग समझ पाएंगे। नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी कर सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक आतंकवाद से निपटने के लिए लोगों का सहयोग बेहद जरूरी है।
तीनों कितबें आतंकवाद पर
तीनों किताबें ‘आतंकवाद’ पर लिखी गई 100 अच्छी किताबों का निचोड़ होंगी। शेष दोनों किताबें भी जल्द प्रकाशित होंगी। यह किताब सिर्फ पुलिसवालों के लिए होगी। हर जिले में आतंकवाद निरोधक प्रकोष्ठ में काम कर रहे पुलिसवालों को यह उपलब्ध कराई जाएगी।
(अतुल चंद्र कुलकर्णी, एटीएस प्रमुख)
Created On :   6 Aug 2018 6:27 AM GMT