अब जीवित व्यक्ति के अंगूठे से ही मिल सकेगी रकम, डीबीटी में फर्जीवाड़े से जागी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’. सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार लगातार तकनीक की मदद ले रही है पर खुराफाती दिमाग के कुछ लोग भ्रष्टाचार करने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। ऐसे में सरकार को भी इनसे निपटने के लिए नई-नई तकनीकों का सहारा लेना पड़ता है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) में अब मृत व्यक्ति के नकली अंगूठे से रकम निकालने पर रोक लग सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार के सीडेक द्वारा तैयार साफ्टवेयर का इस्तेमाल करेगी। विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार की तरफ से दी जाने वाली रकम, पेंशन आदि सहित करीब 50 योजनाओं में लाभार्थियों को बिचौलियों से बचाने के लिए डीबीटीके माध्यम से रकम दी जाती है। पर इसमें भी गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। लाभार्थी के अंगुठे के निशान से रकम मिलती है। पर सरकार को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं जिसमें लाभार्थी की मृत्यु की स्थिति में फर्जी अंगुठे के निशान से पैसे निकाले गए हैं। अब इस समस्या से निपटने के लिए राज्य का सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग सीडेक द्वारा निर्मित साफ्टवेयर की मदद लेगा। राज्य के आईटी विभाग के प्रधान सचिव पराग जैन ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि नए साफ्टवेयर से जीवत व्यक्ति के अंगुठे से ही रकम निकाली जा सकेगी। साफ्टवेयर फर्जी अंगूठे को पहचान लेगा।
राज्य में विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ-साथ किसान कर्ज माफी योजना और विभिन्न विभागों के माध्यम से छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति जैसी 50 से अधिक योजनाओं का पैसा लाभार्थियों के खाते में डीबीटी पोर्टल के माध्यम से जमा किया जाता है। राज्य में छात्रवृत्ति धारकों के खातों में हर साल करीब 7000 करोड़ रुपये जमा किए जाते हैं। जबकि विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों व लाभार्थियों के खातों में हजारों करोड़ रुपए जमा किए जा रहे हैं। पेंशन योजना के लाभार्थियों के खाते में भी इसी माध्यम से रकम जमा की जाती है।किसी पेंशनधारक व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी पेंशन तब तक मिलती रहती है जब तक उसके जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा करने का समय न हो जाए।तब तक उस मृत व्यक्ति का नकली अंगूठा बनाकर उसके नाम पर पैसे निकाले जाने के कई मामले सामने आने पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक नया सॉफ्टवेयर लाने का फैसला किया है।
सीडैक सॉफ्टवेयर कैसे काम करेगा?
लाभार्थी के खाते में पैसा सीधे जमा होने के बाद उसे फर्जी थम्ब इंप्रेशन से निकालने से रोकने के लिए अब इसे नए सॉफ्टवेयर सीआईडीएसी का इस्तेमाल किया जाएगा।श्री जैन ने दावा किया कि सॉफ्टवेयर केवल उन उंगलियों के निशान स्वीकार करेगा जिसमें रक्त परिसंचरण हो रहा है। इससे फर्जी थम्ब इंप्रेशन की पहचान हो सकेगी और फर्जी अंगूठे के माध्यम से निकासी पर अंकुश लगाया जा सकेगा।उन्होंने यह भी कहा कि इससे सरकार के लाखों रुपये के गबन पर रोक लगेगी और सही लोगों के खातों में राशि आ सकेगी।
Created On :   23 Feb 2023 10:04 PM IST