अब सीधे जनता चुनेगी नगराध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिंदे सरकार का पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसलों को पलटने का सिलसिला जारी है। प्रदेश में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के नगराध्यक्ष को अब सीधे जनता चुनेगी। नगर परिषदों और नगर पंचायतों के नगराध्यक्ष और उपनगराध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा। जनता यानी मतदाता द्वारा सीधे चुने गए नगराध्यक्ष के खिलाफ पहले ढाई साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। सरकार की ओर से इस फैसले को लागू करने के लिए संबंधित अधिनियम में संशोधन करके अध्यादेश जारी किया जाएगा। इससे पहले पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने साल 2020 में महाराष्ट्र नगरपरिषद, नगरपंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम 1965 में संशोधन किया था।
इसके तहत नगर परिषदों और नगर पंचायतों के नगराध्यक्षों को नगर सेवक के बीच से चुना जाता था। नगराध्यक्ष और उपनगराध्यक्ष की अवधि ढाई साल की थी। नगराध्यक्ष के खिलाफ कार्यकाल शुरू होने के एक साल के भीतर अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने का प्रावधान था। सरकार ने कहा है कि आने वाले समय में बड़े पैमाने पर नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव प्रस्तावित हैं। नगर परिषदों और नगर पंचायतों का कामकाज सुचारू रूप से चल सकने की दृष्टि से महाराष्ट्र नगरपरिषदा, नगरपंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम की धारा में संशोधन करने का फैसला लिया गया है।
Created On :   14 July 2022 9:30 PM IST