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महाराजबाग में हर साल बढ़ रही हिरणों की संख्या, परेशान हुआ प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर । महाराजबाग में हिरणों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, जिस कारण इन्हें रखने में परेशानी आ रही है। हालांकि प्रशासन ने कई बार इनकी प्रजनन प्रक्रिया पर भी रोक लगाई, लेकिन वर्तमान स्थिति में यहां 34 हिरण मौजूद हैं। जबकि नियमानुसार यहां 30 हिरण ही रखे जा सकते हैं। कई बार यहां के हिरणों को दूसरी जगह जरूरत के अनुसार भेजने की चर्चा हुई है, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई।
महाराजबाग आकर्षण का केंद्र है। हरियाली के बीच में इसे यहां पिंजरों में बाघ, तेंदुआ, भालू, काले हिरण, नीलगाय, पंछी आदि वन्यजीवों को यहां रखा गया है। जगह की कमी के कारण यहां वन्यजीवों के लिए परेशानी बनी हुई है। खासकर हिरणों के लिए यहां 3 हजार स्क्वेयर मीटर की जगह है, जिसमें 34 हिरण रखे गए हैं। नियमों की ओर देखें तो एक हिरण को 1 हजार स्क्वेयर मीटर की जगह की जरूरत होती है।
मांग होने के बाद भी नहीं भेजे
वर्ष 2012 की बात करें, तो यहां 50 के आस-पास हिरणों की संख्या हो गई थी। ऐसे में इन्हें नवेगांव-नागझीरा अभयारण्य में छोड़ा गया था, जिसके बाद इनकी संख्या कम हो गई थी। लेकिन तब से लेकर अब तक इन हिरणों को कहीं भी भेजा नहीं गया है। ऐसा नहीं कि मांग नहीं हुई है, मांग मेलघाट के लिए भी हुई थी, लेकिन अनुमति के अाभाव में इन्हें भेज नहीं पाए।
कई बार रखा जाता है अलग
महाराजबाग प्रशासन की ओर से हर बार इनका प्रजनन रोका जाता है। जिसके लिए कई बार मेल व फीमेल हिरणों को अलग-अलग रखा जाता है।
गोरेवाड़ा इंडियन सफारी में छोड़ा जा सकेगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आने वाले कुछ समय के बाद गोरेवाड़ा की इंडियन सफारी शुरू होने वाली है। जहां वन्यजीवों की दरकार होगी। यहां रेस्क्यू सेंटर से मांसाहारी वन्यजीव छोड़ने के साथ ही महाराजबाग के हिरणों को छोड़ना भी अपेक्षित है। इसके लिए मांग भी हो रही है।
अनुमति के बाद करेंगे शिफ्ट
पिंजरे में कैद वन्यजीवों की संख्या क्षमता से ज्यादा होने के बाद इन्हें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण व वन विभाग की सहमति से अन्य जगहों पर भेजा जाता है। महाराजबाग के हिरणों को मांग के अनुसार उक्त दोनों विभाग की अनुमति के बाद यहां से शिफ्ट किया जा सकता है। - सुनील बावस्कर, महाराजबाग प्रभारी, महाराजबाग जू
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।