- लोग आजकल मुंह पर ताला लगाने की सलाह दे रहे हैं: अमिताभ बच्चन
- किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति से खुश नहीं, मगर जारी रखेंगे बातचीत : टिकैत
- हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से कोई रास्ता निकल आए : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
- भारत में कोरोना के 15,590 नए मामलों की पुष्टि, 191 मौतें
- मप्र सरकार पन्ना की हीरा खदान को चालू रखने को राजी
'भारत में महिलाओं की स्थिति' रिपोर्ट के लोकार्पण अवसर पर राज्यपाल ने इसे नए युग की शुरुआत बताया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश के राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी ने नागपुर यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में जमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों की तारीफ की। दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र द्वारा तैयार "भारत में महिलाओं की स्थिति' रिपोर्ट के लोकार्पण अवसर पर राज्यपाल बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। देश के 29 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों की 74 हजार महिलाओं से संपर्क करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। प्रदेश में गर्म चुनावी माहौल और आदर्श आचार संहिता के बीच राज्यपाल का भाषण चर्चा का विषय बना रहा। राज्यपाल ने कहा कि यह भारत की माताओं का शील ही था कि उन्होंने गांधी, नेहरू, विवेकानंद और नरेंद्र मोदी जैसे सपूतों को जन्म दिया। अब अतीत के बुरे अध्याय को भूलने का वक्त आ गया है। विविध योजनाओं की बदौलत देश में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है।
इनकी थी उपस्थिति
कार्यक्रम में नीति आयोग की सदस्य बिंदू डालमिया की भी विशेष उपस्थिति थी। उन्होंने रिपोर्ट को महत्वपूर्ण बताते हुए उसे महिला विकास से जुड़ी नीतियां निर्धारित करने में सहायक बताया। कार्यक्रम की प्रस्तावना संगठन सचिव डॉ. अंजलि देशपांडे ने रखी। प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. मनीषा कोठेकर ने रिपोर्ट पढ़ी। मंच पर राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का, नागपुर विवि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे और प्रभारी प्र-कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे उपस्थित थे।
महिलाओं की क्षमता बढ़ी
राज्यपाल ने कहा कि भारत में महिलाओं की शक्ति केवल इसलिए नहीं बढ़ी है कि उनके बैंक खाते खुल गए हैं। उन्हें गैस कनेक्शन मिल गए हैं और उनके लिए शौचालय के प्रबंध हो गए हैं। उनकी शक्ति इसलिए बढ़ी है क्योंकि वे कथा चिंतन में अपना खासा समय व्यतीत करती हैं। आज की महिलाएं वैज्ञानिक और आईएएस बन रही हैं। कठिन क्षेत्रों में भी बखूबी काम कर रही हैं। राज्यपाल ने देश में होने वाले रिसर्च पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में बड़ी संख्या में शोध होते हैं, लेकिन उनमें से एक प्रतिशत रिसर्च को केंद्र में रख कर बड़ा परिवर्तन नहीं ला पाते। उन्होंने कहा कि देश की रिसर्च की उपयोगिता को बढ़ाने की जरूरत है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।