उद्धव की मालेगांव में सभा से पहले पदाधिकारी और पूर्व नगरसेवक शिवसेना में शामिल
डिजिटल डेस्क, ठाणे। शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की मालेगांव में रविवार शाम को हुई सभा से पहले दोपहर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें झटका दे दिया है। ठाणे के आनंद आश्रम में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उद्धव गुट के नाशिक और मालेगांव के कई पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल हुए। इन सभी नेताओं ने शिवसेना सांसद संजय राऊत की कार्य प्रणाली से नाराज होकर शिंदे गुट में प्रवेश किया है। शिंदे गुट में शामिल होने वालों में महिला अघाड़ी जिला प्रमुख शोभा मगर, महिला अघाड़ी जिला प्रमुख मंगल भास्कर, महिला अघाड़ी जिला प्रमुख शोभा गटकल, पूर्व नगरसेवक श्यामल दीक्षित, पूर्व नगरसेवक उत्तम दोंडे, पूर्व नगरसेवक प्रभाकर पालडे, महिला अघाड़ी नगर समन्वयक ज्योति देवरे शामिल हैं। साथ ही पूर्व शिक्षण मंडल अध्यक्ष व उप महानगर प्रमुख शशिकांत कोथले, उप महानगर प्रमुख शरद देवेरे, विभागप्रमुख कुमार पगारे, पिंटू शिंदे, विधान सभा संयोजक पश्चिम अनिता पाटील, विभागप्रमुख आशा पाटील, शाखा प्रमुख सीमा पाटील शामिल हुईं।
नाशिक की समस्याएं होंगी हल- मुख्यमंत्री
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार नाशिक जिले की प्रलंबित समस्याओं का समाधान निकालेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जब से हमारी सरकार तब से आम लोगों को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है। सरकार ने इस बार के बजट में समाज के हर तबके को न्याय देने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर काम कर रही है। इस मौके पर प्रदेश के बंदरगाह मंत्री तथा नाशिक के पालक मंत्री दादाजी भुसे, शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हस्के, सचिव भाऊसाहेब चौधरी, संयुक्त संपर्क प्रमुख राजू अन्ना लवटे, सांसद हेमंत गोडसे, जिलाप्रमुख अजय बोरस्ते, भाऊलाल तांबडे, महानगर प्रमुख प्रवीण तिड़मे भी मौजूद थे।
उद्धव गुट के नेता बड़गुजर पर लगाया आरोप
उद्धव गुट को छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हुई महिला पदाधिकारियों ने उद्धव गुट के पदाधिकारी सुधाकर बड़गुजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन लोगों को कहना है कि संजय राऊत नाशिक में सिर्फ व्यावसायिक हितों को साधने के लिए आते हैं। वे केवल ठेकेदारों और कुछ पदाधिकारियों से मिलते हैं। जबकि शिवसेना की महिला इकाई की पदाधिकारियों से बात भी नहीं करते और न ही उनकी समस्याओं को सुनते हैं। इसके चलते हम लोगों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में काम करने का फैसला लिया है।
Created On :   27 March 2023 3:22 PM IST