देश में हर 25 मिनट में रैबीज के कारण एक की मौत

One in every 25 minutes due to rabies in the country
देश में हर 25 मिनट में रैबीज के कारण एक की मौत
देश में हर 25 मिनट में रैबीज के कारण एक की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  21वीं सदी में किसी इंसान की रैबीज के कारण मौत नहीं होनी चाहिए, लेकिन भारत में हर 25 मिनट में एक व्यक्ति की रैबीज के कारण मौत होती है। रैबीज की पहचान वर्षों पूर्व हो चुकी थी। हाल ही में मुंबई में International Conference on Tropical Neuro Sciences  में डॉक्टर प्रोफेसर डेविड वॉरेल ने यह जानकारी दी। वॉरेल यूके के ऑक्सफाेर्ड यूनिवर्सिटी के ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर हैं।

2015 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार रैबीज के कारण दुनिया भर में हर साल 59 हजार लोगों की मौत होती है। इसमें 21 हजार मौतें भारत में होती है। यह आंकड़ा इससे ज्यादा हो सकता है, क्योंकि रैबीज से मरने वाले काफी लोगों में इस बीमारी की पहचान ही नहीं हुई होती है और कई मौतों की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती है।

चीन ने किया नियंत्रण

चीन में नियंत्रण के बेहतर उपायों के कारण हाल के वर्षों में रैबीज के मामलों में कमी आई है। यहां 2006 में जहां इसके कारण मरने वालों की संख्या तीन हजार थी, वहीं 2008 में यह घटकर 206 रह गई।

अंग प्रत्यारोपण भी संक्रमण का कारण

प्रो.वॉरेल ने बताया कि इंसान से इंसान में अंग प्रत्यारोपण के मामले में रैबीज के विषाणु के संक्रमण का मामला सामने आया है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे मामलों में, जहां व्यक्ति की मौत तंत्रिका संबंधी कारणों से हुई हो, अंगदान से बचना चाहिए।

देश में 300 लाख कुत्ते

भारत में रैबीज के खिलाफ अभियान को उसी स्तर पर चलाए जाने की जरूरत है, जैसे पोलियाे के खिलाफ चलाया गया है। देश में कुत्तों की संख्या 300 लाख से भी ज्यादा है और उनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए जन्मदर पर नियंत्रण की जरूरत है। रैबीज पर नियंत्रण के लिए कुत्तों का टीकाकरण और बंध्याकरण सबसे अहम साधन हैं।

चमगादड़ों के काटने से भी रैबीज

95 फीसदी मामलों में यह बीमारी कुत्तों के काटने से होती है। इसके विषाणु कुत्ते के लार के साथ इंसान में पहुंच जाते हैं। दूसरे कुत्तों या उग्र जंगली जानवरों के काटने से कुत्ते संक्रमित हो जाते हैं। इस विषाणु से संक्रमित हो जाते हैं। लैटिन अमेरिका में वैंपायर चमगादड़ों के काटने से भी रैबीज होने के मामले सामने आए हैं। बीमारी के लक्षण कुत्ते के काटने के कुछ माह से लेकर वर्षों बाद उभर सकते हैं। सामान्य तौर पर 1 से 3 माह में बीमारी सामने अाती है। भारत में कुत्ते के काटने के पांच साल बाद भी बीमारी सामने आई है।

Created On :   28 July 2017 11:22 PM IST

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