रिटायर्ड टीचर को पेंशन न देने पर के मामले में सरकार पर लगा एक लाख का जुर्माना

One lakh fine on government for not giving pension to retired teacher
रिटायर्ड टीचर को पेंशन न देने पर के मामले में सरकार पर लगा एक लाख का जुर्माना
रिटायर्ड टीचर को पेंशन न देने पर के मामले में सरकार पर लगा एक लाख का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक सेवानिवृत्त शिक्षिका को पेंशन न दिए जाने के मामले में राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। और सराकर को शिक्षिका के सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति भूषण गवई व न्यायमूर्ति डी.नायडू की खंडपीठ ने एनसिला डिमेलो की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।

डिमोलो ने याचिका में दावा किया था कि उसकी 1986 में दादर स्थित सेंट पाउल कानवेंट हाइस्कूल में सहायक शिक्षिका के रुप में नियुक्ति की गई थी। कुछ सालों बाद उसे मुख्यअध्यापिका के रुप में पदोनन्नति दी गई। इस दौरान उसका कई स्कूलों में तबादला भी किया गया। अंत में वह दिसंबर 2014 में सेवानिवृत्त हो गई। इसके बाद उसने सरकार के पास पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उसने 12 साल तक गैर अनुदानित स्कूल में अपनी सेवा दी है। इसलिए वह पेंशन के लिए पात्र नहीं है। 

खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से याचिकाकर्ता को पेंशन न देने को लेकर दिए गए तर्क को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने  कई सालों तक गैर अनुदानित स्कूल को अपनी सेवा दी है इस आधार पर उसे पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। यह कहते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। खंडपीठ ने जुर्माने की रकम 15 दिन के भीतर ठाणे स्थित बीथैनी चैरीटेबल अस्पताल में जमा करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने साफ किया है कि यदि जुर्माने की रकम नहीं जमा की गई तो इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव जिम्मदार होगे।

Created On :   8 May 2019 12:19 PM GMT

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