नागपुर में बस 15 दिन का ही बचा है पीने का पानी, एमपी से लगाएंगे गुहार

Only fifteen days left is drinking water,Will apply to MP
नागपुर में बस 15 दिन का ही बचा है पीने का पानी, एमपी से लगाएंगे गुहार
नागपुर में बस 15 दिन का ही बचा है पीने का पानी, एमपी से लगाएंगे गुहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ क्षेत्र में बारिश नहीं होने के कारण गंभीर स्थिति बनी हुई है। अगर 7 या 8 दिन अच्छी बारिश नहीं हुई तो स्थिति काफी चिंताजनक हो सकती है। समस्या को गंभीर मानते हुए खुद पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने देशपांडे सभागृह में जिला नियोजन समिति की बुलाई। बाद में पत्रकारों से कहा कि स्थिति ऐसी ही रही तो एमपी सरकार से गुहार लगानी पड़ेगी। आपको बता दें कि शहर में पीने का पानी सिर्फ 15 दिन का ही बचा है। 

बावनकुले ने कहा कि बारिश कम होने से पेंच जलाशय में पानी घटा है और तोतलाडोह जलाशय में भी संग्रहण कम हुआ है। इस समस्या से उबरने के लिए जल्द उपाय करना होगा। तोतलाडोह में पिछले वर्ष इस माह के दौरान करीब 80% जलभंडारण था और इस साल वह मात्र 11% रह गया है। पालकमंत्री ने बताया कि पेंच नदी पर एमपी सरकार ने चावड़ी बांध बनाया है। इस बांध की पूरी लागत एमपी सरकार ने दी है, इसलिए उन्हें पानी रोकने से मना नहीं किया जा सकता। लेकिन इस बांध के बनने के बाद तोतलाडोह बांध परियोजना में पानी पहुंचना बंद हो गया है। अगर स्थितियां नहीं सुधरी तो जल्द CM के माध्यम से पानी उपलब्धता पर एमपी के साथ करार करने के लिए कहना होगा।

1800 करोड़ का प्रस्ताव दिया है

आधे से ज्यादा नागपुर को एमपी की पेंच नदी पर निर्भर रहना पड़ता है। पेंच नदी का पानी तोतलाडोह में आता है और वहां से नवेगांव खैरी डैम में पहुंचता है। नवेगांव डैम से पानी टनल के माध्यम से शहर के लिए पहुंचाया जाता है। अब पेंच नदी में कई सालों से बनाई जा रही चावड़ी बांध परियोजना में पानी रोके जाने से तोतलाडोह में पानी कम पहुंच रहा है। नवेगांव बांध में तो पानी ना के बराबर आ रहा है। चौराई बांध के कैचमेंट एरिया से पानी खींचकर तोतलाडोह तक लाने के लिए 1800 करोड़ रुपए की पाइप लाइन डाले जाने का प्रस्ताव एमपी सरकार को दिया गया है।

पहले शहर के लिए पानी  

बारिश की कमी की मार केवल किसानी और पेयजल पर ही नहीं, बल्कि बिजलीघरों पर भी पड़ रही है। खापरखेड़ा बिजलीघर को दिए जाने पानी में कटौती कर दी गई है और कृषि विभाग को पर्यायी योजना बनाने के लिए कहा गया है। धान की फसल को पानी उपलब्ध कराने के लिए 12 घंटे बिजली मिले इस पर गुरुवार तक कैबिनेट की बैठक में निर्णय ले लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पेंच से शहर की जलापूर्ति हो, इसे प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद ही कृषि के लिए पानी दिया जा सकेगा।

Created On :   17 Aug 2017 3:04 PM GMT

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