पूर्व सांसद परांजपे के खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर पर कर सकते हैं जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ प्रदर्शन करने पर 11 एफआईआर दर्ज किए जाने से जुड़े मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व सांसद आनंद परांजपे को बड़ी राहत दी है। बुधवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस परांजपे के खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर की जांच को जारी रख सकती है लेकिन अदालत के अगले आदेश तक उनके खिलाफ आरोपपत्र न दायर करें। इससे पहले सहायक सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने खंडपीठ के सामने कहा कि पुलिस आरोपी परांजपे के खिलाफ 11 की बजाय केवल एक एफआईआर पर कार्रवाई करेगी। सरकारी वकील ने कहा कि शेष दस एफआईआर को लेकर दो सप्ताह के भीतर संबंधित कोर्ट में उचित रिपोर्ट दायर कर दी जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने परांजपे के खिलाफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले को लेकर 11 एफआईआर दर्ज करने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। राकांपा नेता परांजपे ने खुद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। परांजपे के खिलाफ ठाणे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153,501, व 504 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इससे पहले परांजपे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुहार ओक ने कहा कि एक राजनीतिक प्रदर्शन को लेकर याचिकाकर्ता के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की गई है। जो पूरी तरह से अनुचित है। इसलिए उनके मुवक्किल को इस मामले में राहत प्रदान की जाए।याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के खिलाफ पहले 12 दिसंबर 2022 को ठाणे में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद मुख्य़मंत्री शिंदे के समर्थकों ने ठाणे के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 10 एफआईआर दर्ज कराई। सभी शिकायतों में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री शिंदे के लिए असम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है।जिससे मुख्यमंत्री शिंदे की मानहानि हुई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री की मानहानि करनेवाले वीडियो भी सोशल मीडिया में अपलोड किए गए।
Created On :   18 Jan 2023 9:38 PM IST