विपक्ष ने किया सरकार की टी-पार्टी का बहिष्कार

Opposition boycott the governments T-Partys on Sunday evening
विपक्ष ने किया सरकार की टी-पार्टी का बहिष्कार
विपक्ष ने किया सरकार की टी-पार्टी का बहिष्कार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि संकट, पारदर्शी प्रशासन और भ्रष्टाचार के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार की चाय का बहिष्कार कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार का 3 वर्ष का कार्य न्याय प्रीत नहीं है। कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर केवल झूठा प्रचार किया गया है। जो काम किया ही नहीं उसके नाम पर ढोल पीटा जा रहा है। सरकार पर किसी तरह का विश्वास नहीं रह गया है, लिहाजा सरकार के विरोध में सदन और सदन के बाहर विपक्ष आक्रामक भूमिका में रहेगा। शीतसत्र की पूर्व संध्या पर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील और विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने सरकार के विविध दावों को निराधार जताया। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विखे पाटील ने कहा कि "मी लाभार्थी" वाले विज्ञापन से सरकार विकास के दावे तो करती है। लेकिन वास्तव में 2 लोगों का ही विकास हुआ है। सरकार के 2 लाभार्थी हैं, भाजपा और उद्धव ठाकरे।

घोषणा की, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई

छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर कर्जमाफी की घोषणा की गई, लेकिन कर्जमाफी नहीं हुई है। कर्जमाफी की घोषणा के बाद राज्य में 1500 किसानों ने आत्महत्या की है। नाशिक के किसान ज्ञानेश्वर ने मंत्रियों से मुलाकात करने पर आत्महत्या की। किसानों को कर्जमाफी का बोगस प्रमाणपत्र दिया गया। सरकार कर्जमाफी का दावा करती है, तो उसने 41 लाख किसानों को कर्जमाफी की निधि पानेवालों के नाम की सूची पोर्टल पर देनी चाहिए। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया सही नहीं है। ऑनलाइन डेटा तैयार करनेवाल इनोवेज कंपनी को ही कर्जमाफी का लाभ मिला है। कृषि संकट के लिए प्रति एकड़ 25 हजार रुपए की मांग अधिवेशन में की जाएगी। कृषि संजीवनी योजना के नाम पर सरकार ने किसानों से सख्त वसूली का अभियान चलाया है।

3 वर्ष में नागरिकों का विश्वास खोया

नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ष्ण विखे पाटील ने कहा कि सरकार ने 3 वर्ष में नागरिकों का विश्वास खो दिया है। ट्यूटर के भरोस सरकार अपना बचाव करना चाहती है। कर्जमाफी का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया। अधिवेशन आया तो सरकार ने फसल का पंचनामा करने का निर्णय लिया है। फसल नियंत्रण का मैकेनिक समाप्त हो गया है। लिहाजा सरकार की चाय स्वीकारने का कोई औचित्य नहीं है।

कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया में गड़बड़ी

वहीं धनंजय मुंडे ने कहा कि  कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया में गड़बड़ी है। छात्रवृति मामले में भी ऐसा ही हुआ था। छात्रवृति दिलाने के लिए आनलाइन के बजाय आफलाइन प्रक्रिया अपनायी गई थी। कर्जमाफी के मामले में आफलाइन प्रक्रिया क्यों नहीं अपनायी जा रही है। सरकार से विविध विषयों पर सदन में उत्तर मांगेगे। रोजगार दिलाने के बजाय राज्य में सरकार नौकरी छीनने का काम कर रही है।

दिग्गज थे मौजूद

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे,पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार,पूर्व वित्तमंत्री जयंत पाटील,शेकाप के अध्यक्ष जयंत पाटील,राकांपा नेता भास्कर जाधव,विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता विजय वडेट्टीवार, विधानपरिषद सदस्य प्रकाश गजभिये उपस्थित थे। 

 

Created On :   10 Dec 2017 6:23 PM IST

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