राज्य के आर्थिक सलाहकार परिषद में अडानी को शामिल करने पर विपक्ष को एतराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में अडानी पोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) करण अडानी को शामिल करने को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। करणहिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष के निशाने पर चल रहे अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े बेटे हैं। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने ट्वीट करके कहा कि आर्थिक सलाहकार परिषद में करण को शामिल किया गया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार किसके लिए काम करती है। महाराष्ट्र में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दानवे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अदानी के लिए सरकार चलाने के बजाय राज्य सरकार को ही उनके कब्जे में दे दें। दरअसल, राज्य सरकार ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की अध्यक्षता में आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया है। इस परिषद कोमहाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर का बनाने के लिए नीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन अब सरकार ने सोमवार को संशोधित शासनादेश जारी किया है। जिसमें सुलभता बढ़ाने की दृष्टि से परिषद के सदस्यों का पूरा ब्यौरा दिया गया है। परिषद के सदस्य के रूप में उद्योगपति मुकेश अंबानीके बेटे तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अनंत अंबानी, वेलस्पन के अध्यक्ष बी के गोयंका सहित 18 उद्योगपतियों को शामिल किया गया है। परिषद में एक अध्यक्ष, 17 सदस्य और 3 आईएएस अफसरों को शामिल किया गया है।
अडानी के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
इस बीच सोमवार को प्रदेश कांग्रेस की तरफ से जगह-जगह एलआईसी कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया गया। पुणे मेंप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और ठाणे में प्रदेश कांग्रेस कार्याध्यक्ष नसीम खान के नेतृत्व में एलआईसी कार्यालय के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पटोले ने कहा कि मोदी सरकार के साथ अडानी समूह के अनैतिक रिश्तों की जांच से सरकार क्यों घबरा रही है।
Created On :   6 Feb 2023 9:37 PM IST