एक सीट, एक उम्मीदवार के फार्मूले पर बनेगी विपक्षी एकता- नेताओं को मिली जिम्मेदारी

Opposition unity will be built on the formula of one seat, one candidate
एक सीट, एक उम्मीदवार के फार्मूले पर बनेगी विपक्षी एकता- नेताओं को मिली जिम्मेदारी
एका बनाने की पहल एक सीट, एक उम्मीदवार के फार्मूले पर बनेगी विपक्षी एकता- नेताओं को मिली जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार. बुधवार को कांग्रेस, जदयू और राजद के शीर्ष नेताओं की हुई बैठक ने विपक्षी एकजुटता की मुहिम को नई रफ्ताार दी है। इस बैठक के बाद विपक्ष को एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाकपा नेता डी राजा से भी मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों की गोलबंदी जदयू के ‘एक सीट, एक उम्मीदवार’ के फार्मूले पर आगे बढ़ती दिख रही है। मतलब यह कि 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रत्येक लोकसभा सीट पर विपक्ष का एक उम्मीदवार मैंदान में उतारा जाए।  

हिचक के साथ कांग्रेस आगे बढ़ने को तैयार

हालांंकि इस फार्मूले को लागू करने में कड़ी अड़चनें भी हैं। इस फार्मूले पर शुरूआती एतराज कांग्रेस की तरफ से ही है, क्योंकि यदि इसे आधार बनाया गया तो कांग्रेस 225 से 250 सीटों पर ही चुनाव लड़ पाएगी। दरअसल 2019 में कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं और 209 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी। इस चुनाव में उसने 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि सूत्र बताते हैं कि नीतीश विपक्षी एकजुटता के नाम पर कांग्रेस को इस फार्मूले पर फिलहाल राजी करने में कामयाब रहे हैं। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हर्षवर्द्धन सिंह कहते हैं कि ‘एक सीट, एक उम्मीदवार’ फार्मूले पर लगभग दलों की सहमति है। इस पर आगे भी बात होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी सभी राजनीतिक दलों की चाहत एक होने की है। इसका प्रमाण यह है कि एक दूसरे के विरोधी मानी जानी वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी साथ आने को तैयार हैं। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने इस फार्मूले पर हिचक रखने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अलग से समझाया है कि हमारी प्राथमिक कोशिश भाजपा को हराने की है। वैसे किसी भी परिस्थिति में विपक्ष की ओर से कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। ऐसे में चुनाव बाद कांग्रेस की भूमिका ही अहम रहेगी। 

ममता, केसीआर से बात करेंगे नीतीश

बुधवार की बैठक में विपक्षी दलों को साथ लाने के लिए विभिन्न नेताओं को अलग-अलग दलों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार तृणमूल कांग्रेस, बीआरएस, आप, माकपा, भाकपा और बीजद के नेताओं से बात करेंगे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्रमुक, झामुमो, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, मुस्लिम लीग जैसी पार्टियों से बात करेंगे। इसी प्रकार राकांपा सुप्रीमों शरद पवार पर शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ कुछ दूसरे दलों को साधने का दायित्व रहेगा तो राजद के तेजस्वी यादव समाजवादी पार्टी को विपक्षी एकता के रथ पर सवार करने में भूमिका निभाएंगे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विपक्षी दलों से चर्चा के बाद अगले महीने एक और बैठेगी। इसमें ‘एक सीट, एक उम्मीदवार’ सहित अन्य संभावित फार्मूलों पर निर्णय होगा। 
 

Created On :   13 April 2023 4:45 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story