विपक्ष का हंगामा : जलयुक्त शिवार योजना में भ्रष्टाचार की एसीबी से जांच, पुणे दीवार दुर्घटना में 6 सदस्यों वाली समिति गठित

Oppositions ruckus : ACB will investigate corruption in Jalyukt Shivar scheme
विपक्ष का हंगामा : जलयुक्त शिवार योजना में भ्रष्टाचार की एसीबी से जांच, पुणे दीवार दुर्घटना में 6 सदस्यों वाली समिति गठित
विपक्ष का हंगामा : जलयुक्त शिवार योजना में भ्रष्टाचार की एसीबी से जांच, पुणे दीवार दुर्घटना में 6 सदस्यों वाली समिति गठित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी जलयुक्त शिवार योजना को बड़ा झटका लगा है। पुणे के पुरंदर तहसील में जलयुक्त शिवार योजना के काम में हुए अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराई जाएगी। विधान परिषद में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिए हैं। प्रश्नकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य हेमंत टकले और विद्या चव्हाण ने यह मुद्दा उठाया था। चव्हाण ने कहा कि पुरंदर में जलयुक्त शिवार के 1300 कामों में भ्रष्टाचार हुआ है। इसके जवाब में प्रदेश के जलसंरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि सभापति ने एसीबी से जांच के निर्देश दिए हैं। इससे सभी कामों की जांच एसीबी से कराई जाएगी। इस दौरान टकले ने सवाल किया कि क्या जलसंरक्षण राज्य मंत्री विजय शिवतारे ने एसीबी से जांच न कराने के संबंध में कृषि आयुक्त को पत्र लिखा था ? इस पर सावंत ने कहा कि शिवतारे के पत्र लिखे जाने के बारे में मेरे पास जानकारी नहीं है। इस दौरान शिवतारे सदन में  खड़े हुए। जिस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई कि सदन में कैबिनेट मंत्री के होते हुए राज्य मंत्री कैसे जवाब दे सकते हैं। इसको लेकर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

पुणे दीवार दुर्घटना की जांच के लिए 6 सदस्यों वाली समिति गठित

पुणे के कोंढवा में सुरक्षा दीवार गिरने के चलते हुए हादसे की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति बनाई गई है। जांच समिति में अतिरिक्त जिलाधिकारी, श्रम आयुक्त कार्यालय के प्रतिनिधी, पुलिस आयुक्त के प्रतिनिधी, पुणे महानगर पालिका के अधिकारी,  नगररचना विभाग के सहायक संचालक और सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के प्रतिनिधी शामिल होंगे। पुणे के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटील ने सोमवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। इससे पहले राकांपा के अजित पवार ने यह मुद्दा उठाते हुए दोषियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। इस बाबत उठे सवालों का जवाब देते हुए पाटील ने कहा कि मामले में 11 लोगों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बिना इजाजत निर्माण करने पर बिल्डर को पुणे महानगर पालिका की ओर से काम रोकने का नोटिस दिया गया है। साथ ही मामले में स्ट्रक्चरल डिजायनर, इंजीनियर और आर्किटेक्ट का लाइसेंस रद्द कर उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। पाटील ने बताया कि आरसीसी कंसल्टंसी फार्म का रजिस्ट्रेशन स्थगित कर दिया गया है। गिरी हुई सुरक्षा दीवार नए सिरे से बनाने की इजाजत दे दी गई है। मामले में छह सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पाटील ने कहा कि हादसे में मारे गए सभी मजदूर बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर रविवार को उनके गांव भेज दिए गए। मृतकों के परिजनों को एनडीआरएफ की ओर से 4 लाख रुपए जबकि निर्माणकार्य के दौरान मौत के चलते बीमा की 5 लाख की रकम दी जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहायता निधी से भी हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद पर भी जल्द फैसला किया जाएगा। 

Created On :   1 July 2019 3:54 PM GMT

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