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आदेश : ऑनलाइन पढ़ाई की, इसलिए नहीं मिलेगा 400 विद्यार्थियों को स्टाइपेंड
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण के चलते पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन इसे लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। देर-सबेर ही सही, एक तरफ फीस तो ली जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ स्टाइपेंड (विद्यावेतन) देने से सरकार साफ मुकर रही है। बाकायदा आदेश जारी कर कहा गया है कि प्रशिक्षण गूगल मीट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑनलाइन द्वारा उपलब्ध कराया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों को स्टाइपेंड अदा करने के लिए नियम और शर्तें पूरी नहीं होती हैं।
9 हजार मिलता है स्टाइपेंड
मामला ‘बार्टी’ अर्थात डॉ. बाबासाहब आंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अंतर्गत एमपीएससी (महाराष्ट्र राज्य लोकसेवा आयोग) की पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण से जुड़े विद्यार्थियों से जुड़ा है। नागपुर और औरंगाबाद में ‘बार्टी’ द्वारा विद्यार्थियों को एमपीएससी पूर्व परीक्षा का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। नागपुर में 200 और औरंगाबाद में 200 विद्यार्थी इसका प्रशिक्षण ले रहे हैं। सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार इनका चयन होता है। विद्यार्थी गरीब तथा पिछड़े वर्ग से होते हैं और दूर-दराज से आते हैं, इस कारण सरकार इनके प्रशिक्षण का पूरा खर्च उठाती है। प्रत्येक विद्यार्थी को प्रति माह 9 हजार रुपए स्टाइपेंड दिया जाता है।
जनवरी से मार्च तक इनकी ऑफलाइन क्लासेस हुई, तो मार्च तक स्टाइपेंड भी मिलता रहा। इसके बाद मार्च में लॉकडाउन लग गया और इस कारण मई तक क्लासेस बंद रही। लॉकडाउन लगने की वजह से विद्यार्थी जहां थे, वहीं थम गए। अपने घर या गांव भी नहीं जा सके। किसी तरह गुजारा किया। इसके बाद जून में सरकार ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने का निर्देश दिया।
क्लास शुरू होते ही उम्मीद बंधी
जून से अक्टूबर तक ऑनलाइन क्लासेस हुई, तो विद्यार्थियों को अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक का स्टाइपेंड मिलने की उम्मीद बंध गई। लेकिन 16 दिसंबर 2020 को बार्टी, पुणे के विभाग प्रमुख ने आदेश जारी कर कहा कि 20 जून से अॉनलाइन प्रशिक्षण के लिए अनुमति दी थी। पत्र में ऑनलाइन प्रशिक्षण का विद्यार्थियों को स्टाइपेंड देने बाबत कोई प्रावधान नहीं है। प्रशिक्षण गूगल मीट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑनलाइन द्वारा उपलब्ध कराया गया है। विद्यार्थियों ने घर में रहकर प्रशिक्षण लिया है। ऐसे में विद्यार्थियों को स्टाइपेंड अदा करने के लिए नियम और शर्तें पूरी नहीं होती हैं। लिहाजा, स्टाइपेंड भुगतान नहीं कर सकते।
विद्यार्थियों में तीव्र नाराजगी
‘बार्टी’ के इस पत्र से विद्यार्थियों में तीव्र नाराजगी है। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के प्रधानसचिव श्याम तागडे से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिल पाया।
Created On :   25 Dec 2020 5:12 PM IST