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हिंगना तहसीलदार को आदेश - 15 दिनों में अतिक्रमण की रिपोर्ट प्रस्तुत करें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हिंगना परिसर के वागधरा गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की जांच कर 15 दिनों में तहसीलदार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश हायकोर्ट की नागपूर खंडपीठ ने दिया। इस मामले में राजस्व विभाग की लापरवाही को लेकर न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे न्यायमूर्ति अनिल पानसरे ने नाराजगी भ्ी जताई। याचिका में राज्य के राजस्व विभाग के सचिव, हिंगना के तहसीलदार, ग्राम पंचायत वागधरा और नासुप्र के सभापति को प्रतिवादी बनाया गया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता विश्वनाथ गुप्ता ने न्यायालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। याचिका में बताया गया है कि 1975 में 8 हेक्टेयर जमीन को लिया था। औपचारिक प्रक्रिया के बाद जिला प्रशासन ने जमीन को अकृषक में तब्दील करने के लिए 5 मई 2001 को अनुमति दी है। इस जमीन से 9 मीटर चौड़ाई का पांधन रास्ता प्रस्तावित किया गया है, इस रास्ते में 3 मीटर की सर्विस लेन के अलावा लोकनिर्माण विभाग की 20 फीट रास्ता भी जुड़ा हुआ है। पिछले कुछ सालों में इस जमीन के साथ ही जंगल झुड़पी की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए ग्राम पंचायत ने कई मर्तबा प्रस्ताव पारित कर तहसीलदार हिंगना को निवेदन सौंपा है, लेकिन अतिक्रमण कोहटाने की दिशा में कोई भी प्रयास नहीं हुआ है। न्यायालय मंे सुनवाई के बाद 15 दिनों के भीतर हिंगना तहसीलदार को सर्वेक्षण कर अतिक्रमण की पूरी जानकारी न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी। न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से अधि सी एफ भागवानी ने पैरवी की, जबकि प्रतिवादियों की ओर से अधि एन एस राव, अधि गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।
Created On :   28 Jan 2022 10:39 PM IST