एवजदारों को नियमित करने का आदेश खारिज, 20 वर्ष से सेवा दे रहे हैं

Order to regularize substitutes rejected, serving for 20 years
एवजदारों को नियमित करने का आदेश खारिज, 20 वर्ष से सेवा दे रहे हैं
नागपुर एवजदारों को नियमित करने का आदेश खारिज, 20 वर्ष से सेवा दे रहे हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. औद्योगिक न्यायालय के आदेश की बदौलत नागपुर महानगरपालिका में नियमित नियुक्ति के ख्वाब देख रहे एवजदारों को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने औद्योगिक न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें औद्योगिक न्यायालय ने 20 सितंबर 2019 के सरकारी जीआर के तहत मनपा को प्रतिवादी कर्मचारियों को नियमित सेवा में लेने का आदेश दिया था।

दरअसल मनपा में बीते 20 वर्षों से एवजदार के रूप में कार्यरत कर्मचारियों ने वर्ष 2018 में अपनी नियमित नियुक्ति के लिए औद्योगिक न्यायालय की शरण ली थी। उनकी दलील थी कि उन्हें एक माह में करीब 26 दिन का काम दिया जाता है। ऐसे में साल में करीब 240 दिन की ड्यूटी होती है। ऐसे में उन्हें नियमित सेवा में लेना चाहिए। यह प्रकरण विचाराधीन ही था कि राज्य सरकार ने 20 सितंबर 2019 को जीआर निकाला, जिसमें 20 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले एवजदारों को निमयित नियुक्ति में लेने का आदेश दिया गया था।

इस आदेश के हवाले से औद्योगिक न्यायालय ने कर्मचारियों को नियमित सेवा में लेने का आदेश दिया, लेकिन इसके खिलाफ मनपा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मनपा की दलील थी कि कर्मचारियों की याचिका वर्ष 2018 में दायर की गई थी, जबकि सरकारी जीआर वर्ष 2019 में आया। ऐसे में हाईकोर्ट ने भी माना कि वर्ष 2019 के जीआर के आधार पर कर्मचारियों को नियमित सेवा में लेने का आदेश त्रुटि पूर्ण था। लिहाजा हाईकोर्ट ने इसे खारिज करके औद्योगिक न्यायालय के पास प्रकरण पुनर्विचार के लिए भेजा है।

Created On :   6 Feb 2023 7:30 PM IST

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