MP By-Election: क्या सिंधिया-शिवराज की जोड़ी के सामने टिक पाएगी कांग्रेस, ग्वालियर-चंबल इलाके पर दोनों दलों का सबसे ज्यादा फोकस

Organizational structure of Congress in Gwalior-Chambal region collapsed
MP By-Election: क्या सिंधिया-शिवराज की जोड़ी के सामने टिक पाएगी कांग्रेस, ग्वालियर-चंबल इलाके पर दोनों दलों का सबसे ज्यादा फोकस
MP By-Election: क्या सिंधिया-शिवराज की जोड़ी के सामने टिक पाएगी कांग्रेस, ग्वालियर-चंबल इलाके पर दोनों दलों का सबसे ज्यादा फोकस

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक बिसात बिछना शुरू हो गई है। ये बिसात है 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की। इनमें से 16 सीटें ग्वालियर चंबल संभाग से आती है। यहीं वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों का सबसे ज्यादा फोकस इन्हीं सीटों पर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा चरमरा गया है। ऐसे में कांग्रेस के लिए सिंधिया के गढ़ में नए सिरे से पार्टी को खड़ा करना चुनौती बन गया है। इससे पार पाने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी की राह पर चलते हुए ग्वालियर में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था।

क्या फ्लॉप शो रहा कांग्रेस का कार्यकर्ता सम्मेलन?
कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में ग्वालियर चंबल संभाग के नेता डॉ. गोविंद सिंह, लाखन सिंह और अन्य विधायक नहीं पहुंचे थे। कार्यकर्ता सम्मेलन में केवल सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह, पीसी शर्मा ही पहुंचे थे। इस दौरान नेताओं के बीच मनमुटाव साफ नजर आया। 10 मिनट के संबोधन के बाद ही कार्यक्रम खत्म हो गया। कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन पर निशाना साधते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे फ्लॉप शो बताया है। वहीं कांग्रेस नेता केके मिश्रा का कहना है कि कहीं कोई गुटबाजी नहीं है। ग्वालियर में एक मेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें न केवल भोपाल से आए दिग्गज नेता शामिल हुए बल्कि ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी पूर्व मंत्री विधायक और अन्य बड़े लीडर साथ में आए हैं।

उपचुनाव में सिंधिया-शिवराज की जोड़ी
बीजेपी की बात की जाए तो वह उपचुनाव में शिवराज सिंह के साथ-साथ सिंधिया के चेहरे को भी आगे रख रही है। ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया के प्रभाव को देखते हुए ही शिवराज कैबिनेट में इलाके से अच्छा खासा प्रतिनिधित्व दिया गया है। सिंधिया के प्रभाव वाले इस अंचल में 22 से 24 अगस्त तक सदस्यता अभियान चलाकर भाजपा ने ऐसा मनोवैज्ञानिक माहौल बना दिया है कि कांग्रेस यहां काफी कमजोर है। बीजेपी की मानें तो इस अंचल में 3 दिन चले मेगा सदस्यता अभियान में 76 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, भाजपा ने महासदस्यता अभियान में 3 दिनों में 76361 कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 

शिवराज-ज्योतिरादित्य की नई जोड़ी से बदले समीकरण
उपचुनाव में कांग्रेस के सामने जिस तरह की चुनौतियां है उससे पार पाना उसके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है। हालांकि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगभग रोज कह रहे हैं कि उपचुनाव नतीजे आते ही कांग्रेस सत्ता में वापस आ जाएगी। कमलनाथ पार्टी की सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन को भी पकड़े हुए हैं। वह लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कांग्रेस के प्रयास का नतीजा है। इन प्रसंगों से समझा जा सकता है कि ये उपचुनाव कांग्रेस के लिए किस कदर महत्वपूर्ण हैं, पर शिवराज-ज्योतिरादित्य की नई जोड़ी से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव में इस जोड़ी के सामने कांग्रेस की रणनीति किस हद तक सफल रहती है।

Created On :   27 Aug 2020 7:34 PM GMT

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