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नीति आयोग के पिछड़े जिलों की लिस्ट : टॉप 5 में महाराष्ट्र का उस्मानाबाद भी

- मध्यप्रदेश का छतरपुर जिला 26वें
- खंडवा 41वें
- गुना 47वें
- बड़वानी 67वें और सिंगरौली 99वें क्रमांक पर रहा है।
- महाराष्ट्र का उस्मानाबाद जिला इस सूची में ऊपर से तीसरे नंबर पर है।
- सिंगरौली जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में तीसरे क्रमांक पर है। मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला 15वें पायदान पर है तो दमोह 19वें नंबर पर।
- 101 पिछड़े जिलों की इस सूचि में महाराष्ट्र के चार और मध्यप्रदेश के आठ जिले शामिल हैं।
- शिक्ष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पिछड़े जिलों को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी रैंकिंग में महाराष्ट्र के आकांक्षी जिलों की स्थिति बेहतर रही है। महाराष्ट्र का उस्मानाबाद जिला इस सूची में ऊपर से तीसरे नंबर पर है। शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण जैसे पांच क्षेत्रों के विकास के 49 मानकों पर देश के 101 पिछड़े जिलों की रैंकिंग में महाराष्ट्र के सभी चार जिले टॉप 40 में शामिल हैं। 101 पिछड़े जिलों की इस सूचि में महाराष्ट्र के चार और मध्यप्रदेश के आठ जिले शामिल हैं।
टॉप 15 में वासिम और गड़चिरौली पहुंचे
नीति आयोग द्वारा जारी इस रैंकिंग में महाराष्ट्र का उस्मानाबाद नंबर तीन पर आकर टॉप 5 जिलों में शामिल हुआ है तो विदर्भ के वासिम जिले ने 11वें पायदान पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इसी प्रकार प्रदेश का नक्सलप्रभावित जिला गड़चिरौली सूचि में 14वें पायदान पर है तो नंदूरबार जिला 39वें नंबर पर आया है। बता दें कि इस रैकिंग में दिल्ली से सटे हरियाणा का मेवात देश का सबसे पिछड़ा जिला घोषित हुआ है तो उसके साथ नंबर दो पर है मध्यप्रदेश का गुना जिला। खास बात यह कि सर्वाधिक पिछड़े 10 जिलों की सूचि में उत्तरप्रदेश के चार जिले शामिल हैं।
26वें नंबर पर है छतरपुर जिला
महाराष्ट्र का उस्मानाबाद जिला जहां इस सूचि में ऊपर से तीसरे पायदान पर है तो मध्यप्रदेश का सिंगरौली जिला नीचे से तीसरे नंबर पर है। यानी सिंगरौली जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में तीसरे क्रमांक पर है। मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला 15वें पायदान पर है तो दमोह 19वें नंबर पर। इसी प्रकार मध्यप्रदेश का छतरपुर जिला 26वें, खंडवा 41वें, गुना 47वें, बड़वानी 67वें और सिंगरौली 99वें क्रमांक पर रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछड़े जिलों को विकास के रास्ते पर लाने के लिए 101 जिलों की पहचान की है। इसे आकांक्षी जिले की संज्ञा दी गई है। हालंाकि पहले इस सूचि मंे कुल 115 जिलों को शामिल किया गया था परंतु ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 14 पिछड़े जिलों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
Created On :   29 March 2018 7:23 PM IST