स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की बकाया बिजली बिल वसूली के लिए ओटीएस को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सार्वजनिक जलापूर्ति और पथदीप (स्ट्रीट लाइट) का 30 जून 2022 तक के महावितरण का बकाया बिजली बिल वसूली के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना लागू की जाएगी। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के अधीन सभी जिला परिषद, ग्राम पंचायतों व अन्य स्थानीय स्वराज संस्थाओं और नगर विकास विभाग के अधीन वाले क वर्ग की नगर परिषद व नगर पंचायतों के जलापूर्ति और पथदीप के बकाया बिजली बिल वसूली के लिए ओटीएस योजना को राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। इससे महावितरण बकाये बिल का राज्य के ग्रामीण विकास विभाग से 3 हजार 775 करोड़ रुपए और नगर विकास विभाग से 186 करोड़ 25 लाख रुपए मार्च 2023 तक मिल सकेगा। सोमवार को राज्य के ऊर्जा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक ओटीएस योजना के तहत ग्रामीण विकास जलापूर्ति व पथदीप का बकाया बिजली बिल का ब्याज 3 हजार 627 करोड़ और विलंब शुल्क 55 करोड़ रुपए माफ कर दिया जाएगा। जबकि मूलधन राशि 3 हजार 775 करोड़ रुपए मार्च 2023 के अतिरिक्त पूरक मांग द्वारा बजटीय प्रावधान करके महावितरण को देना होगा। जबकि ओटीएस योजना के तहत नगर विकास विभाग के अंतर्गत क वर्ग के नगर परिषदों और नगर पंचायतों के पास जलापूर्ति और पथदीप का बकाया बिजली बिल का ब्याज 196 करोड़ 29 लाख रुपए और विलंब शुल्क 2 करोड़ 35 लाख रुपए माफ कर दिया जाएगा। जबकि बकाया मूलधन राशि 186 करोड़ 25 लाख रुपए मार्च 2023 तक अतिरिक्त पूरक मांग के द्वारा बजटीय प्रावधान करके महावितरण को देना होगा। राज्य के ग्रामीण विकास विभाग और नगर विकास विभाग केंद्र के 15 वें वित्त आयोग से मिली निधि का उपयोग महावितरण के बकाया बिल भुगतान के लिए कर सकेगा
महावितरण पर 53 हजार 369 करोड़ का कर्ज
सरकार के अनुसार महावितरण पर 31 मार्च 2020 को 39 हजार 152 करोड़ रुपए का कर्ज था। जो बढ़कर 30 जून 2022 को 53 हजार 369 करोड़ रुपए हो गया है।
महावितरण का 67 हजार 149 करोड़ रुपया बिजली बिल बकाया
महावितरण का राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़े ग्राहकों का बकाया बिजली बिल 31 मार्च 2020 को 59 हजार 833 करोड़ रुपए था। जो 31 मई 2022 को बढ़कर 67 हजार 149 करोड़ रुपए हो गया है।
Created On :   9 Jan 2023 8:37 PM IST