बाँस, नीम व जंगली पौधों से बढ़ाया जाएगा शहरी क्षेत्र में ऑक्सीजन लेवल, आबादी वाली जगहों पर बनेंगे ग्रीन जोन

Oxygen level will be increased in urban areas with bamboo, neem and wild plants
बाँस, नीम व जंगली पौधों से बढ़ाया जाएगा शहरी क्षेत्र में ऑक्सीजन लेवल, आबादी वाली जगहों पर बनेंगे ग्रीन जोन
बाँस, नीम व जंगली पौधों से बढ़ाया जाएगा शहरी क्षेत्र में ऑक्सीजन लेवल, आबादी वाली जगहों पर बनेंगे ग्रीन जोन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना वायरस से बचने के लिए इंसानी शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद आवश्यक है। इसके लिए अच्छा खान-पान और साफ-सुथरा वातावरण सबसे जरूरी चीजों में शामिल है। कोरोना से होने वाली मौतों में ज्यादातर वे लोग शामिल हैं, जिनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी तेजी से हुई। कोरोना संक्रमण शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ता जा रहा है, आम लोगों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार की है, जिसमें बाँस, नीम, तुलसी, बरगद, पीपल के साथ ऐसे जंगली पौधों के ग्रीन जोन बनाए जाएँगे, जिनमें ऑक्सीजन छोडऩे की क्षमता ज्यादा होती है। इस योजना में वन विभाग सभी सरकारी एजेन्सियों के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लेगा। 
कॉलोनियों के गार्डन, बस स्टॉप, होटल-रेस्टॉरेंट, अस्पताल और ऐसे सभी सार्वजनिक स्थानों पर ग्रीन जोन बनाए जाएँगे, जहाँ लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है। इस योजना का मकसद हरियाली के साथ लोगों की सेहत को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुँचाने का है। लिहाजा इन ग्रीन जोन्स में सुविधा के अनुसार लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खड़े होने, बैठने और योगा करने की जगहें भी बनाई जाएँगी। 
तुलसी में 20 घंटे ऑक्सीजन का निर्माण 
आमतौर पर सभी पेड़ व पौधे ऑक्सीजन छोड़ते हैं, लेकिन बाँस का पेड़ तीस फीसदी ज्यादा ऑक्सीजन देता है, जबकि तुलसी के छोटे से पौधे में 20 घंटे तक ऑक्सीजन निर्माण करने की क्षमता होती है। इनके अलावा पीपल, बरगद के पेड़ चौबीस घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं, कुछ जंगली प्रजातियों के पौधों में भी ज्यादा ऑक्सीजन छोडऩे की क्षमता होती है। 
इनका कहना है
कोरोना महामारी के चलते केन्द्र सरकार की गाइडलाइन पर शहरी और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए ग्रीन जोन बनाने की योजना तैयार हुई है, इसमें सभी सरकारी विभागों की मदद ली जाएगी और बहुत जल्द इनके निर्माण शुरू होंगे। 
-रवीन्द्रमणि त्रिपाठी, डीएफओ
 

Created On :   11 Sep 2020 9:39 AM GMT

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