‘अब गांव-गांव जाकर ‘खुले में शौच’ चेक नहीं करेंगे पीएम-सीएम’, सोशल मीडिया पर आलोचना से भड़की पंकजा मुंडे

Pankaja flashed over on social media criticism, Open defecation issue
 ‘अब गांव-गांव जाकर ‘खुले में शौच’ चेक नहीं करेंगे पीएम-सीएम’, सोशल मीडिया पर आलोचना से भड़की पंकजा मुंडे
 ‘अब गांव-गांव जाकर ‘खुले में शौच’ चेक नहीं करेंगे पीएम-सीएम’, सोशल मीडिया पर आलोचना से भड़की पंकजा मुंडे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ग्रामीण अंचल को खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर प्रदेश सरकार के दावे की हुई आलोचना पर प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने जवाब दिया है। बुधवार को मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में पंकजा ने कहा कि प्रदेश का कोई गांव खुले में शौच से मुक्त हुआ या नहीं, यह देखने का काम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नहीं है। पंकजा ने कहा कि सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि मुख्यमंत्री को मेरे गांव में आकर देखना चाहिए कि हमारा गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं हुआ है। यह लिखने वाले की मानसिकता की जांच करने की जरूरत है। पंकजा ने कहा कि मेरा कहना है कि सोशल मीडिया पर लिखने की बजाय वह व्यक्ति खुद अपना कर्तव्य समझ कर अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त क्यों नहीं बनाता है। 

खुले में शौच से मुक्त घोषित 
पंकजा ने कहा कि सरकार ने प्रदेश को शहरी और ग्रामीण दो चरणों में खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है, लेकिन इसका मतलब हमने यह नहीं है कि राज्य में कोई व्यक्ति खुले में शौच के लिए नहीं जाएगा। पंकजा ने कहा कि निर्माण किए गए शौचालय में पानी की व्यवस्था और नियमित इस्तेमाल को लेकर सख्ती बरतने के लिए जिला परिषद के सीईओ को पत्र लिखा जाएगा। पंकजा ने कहा कि साल 2012 के बेस लाइन सर्वे के अनुसार जितने शौचालयों की जरूरत थी। उतना बनाने के बाद ही राज्य को ‘खुले में शौच’ से मुक्त घोषित किया गया है। पंकजा ने कहा कि जिस गांव में पहले 400 से 500 लोग खुले में शौच के लिए जाते थे।

अब शायद उस गांव में 4 से 5 लोग खुले में शौच के लिए जाते होंगे। हमें सरकार के इस प्रयासों की सराहना करना चाहिए। पंकजा ने कहा कि बीड़ जिले में तीन साल पहले 38 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय था। लेकिन अब शत प्रतिशत लोगों के पास शौचालय हो गया है। पंकजा ने कहा कि बीड़ में 100 प्रतिशत शौचालय होने के बावजूद कई जगहों पर पुराने शौचालय खराब हो चुके हैं। कई जगहों पर इस्तेमाल के लायक नहीं है। इसके मद्देनजर बीड़ में 60 हजार और नए शौचालय बनाए जाएंगे। 
 

Created On :   25 April 2018 2:52 PM GMT

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