निरुपम की कुर्सी खतरे में डालने वाले ‘कांग्रेस दर्शन’ का प्रकाशन फिर शुरु

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आलोचना छपने के बाद बंद हुआ मुंबई कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र कांग्रेस दर्शन एक बाद फिर प्रकाशित होना शुरू हो गया है। दिसंबर 2015 में पार्टी के दो बड़े नेताओं को कटघरे में खड़ा करने वाले इस लेख के प्रकाशन के बाद कांग्रेस दर्शन के तत्कालीन संपादक और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम को मामले में पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद उन्होंने गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी थी। इसके बाद पत्रिका छपनी भी बंद हो गई थी।
मुखपत्र में नेहरु-सोनिया के बारे में छपी थी आपत्तिजनक बाते
तीन साल बाद पत्रिका का प्रकाशन फिर शुरू हुआ है। पत्रिका के संस्थापक रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह और स्थापना के दौरान प्रकाशक-संपादक के रुप में कार्यरत कृपाशंकर तिवारी ने एक बार फिर पत्रिका का प्रकाशन शुरू करने का फैसला किया। इसके पहले तिवारी भाजपा में शामिल हो गए थे। पर अब वे फिर से कांग्रेसी बन गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों दिल्ली स्थित छत्तीसगढ सदन में इसके नए अंक का विमोचन किया गया। इसके पहले पत्रिका 9 दिसंबर 2003 में शुरू हुई थी और सोनिया गांधी ने अपने आवास 10 जनपथ पर इसका विमोचन किया था।
छवि धूमिल करने का असफल प्रयास
पत्रिका के प्रबंध संपादक आलोक रंजन तिवारी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि संजय निरुपम के अध्यक्षीय कार्यकाल में अयोग्य, गैरजिम्मेदार और अदूरदर्शी लोगों के कारण पार्टी की छवि धूमिल करने का असफल प्रयास किया गया था, जिसके चलते पत्रिका का प्रकाशन अवरुद्ध हुआ था। बता दें कि पत्रिका में छपे लेख में नेहरू को कश्मीर, चीन और तिब्बत से जुड़ी समस्याओं के लिए जिम्मेदार बताया गया था साथ ही मामले में सरदार वल्लभ भाई पटेल और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों की सलाह को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया गया था। लेख में सोनियां गांधी के पिता को भी फासीवादी बताया गया था।
Created On :   18 March 2019 8:55 PM IST