पातालेश्वर मोक्षधाम फुलÓ खुले में करना पड़ रहा अंतिम संस्कार

Pataleshwar Mokshdham Phul 4 Funeral processions done in the open
पातालेश्वर मोक्षधाम फुलÓ खुले में करना पड़ रहा अंतिम संस्कार
पातालेश्वर मोक्षधाम फुलÓ खुले में करना पड़ रहा अंतिम संस्कार

- 1 से 18 अप्रैल तक 250 मृतकों की हो चुकी अंतेष्टि, पहले एक माह में औसतन 150 मृतकों का होता था संस्कार
डिजिटलय डेस्क छिंदवाड़ा। श
हर का पातालेश्वर मोक्षधाम इन दिनों हाउसफुल चल रहा है। सामान्य मौतों का आंकड़ा इस तेजी से बदला कि मोक्षधाम के 13 शेड के अलावा परिसर की खुली जगह पर शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मोक्षधाम में अप्रैल माह के बीते 18 दिनों में 250 मृतकों की अंतेष्टि हो चुकी है। यानी औसतन हर रोज शहर में 15 से 20 लोगों ने दम तोड़ा है। शनिवार दोपहर तक 17 मृतकों का अंतिम संस्कार हो चुका था। मोक्षधाम के कर्मचारी का कहना है मार्च माह तक दिनभर में औसतन पांच शवों का अंतिम संस्कार होता था। अप्रैल माह में अचानक ही मौतों का आंकड़ा बढ़ गया और रोजाना लगभग एक दर्जन से अधिक अंतेष्टि हो रही है। गनीमत है कि इस मोक्षधाम में कोरोना संक्रमित या संदिग्ध की अंतेष्टि नहीं की जा रही है। यदि ऐसा होता तो हालात और खराब हो सकते थे। नगरनिगम द्वारा अंतेष्टि के लिए पर्याप्त लकड़ी और कंडे की व्यवस्था बनाई जा रही है।
रिकार्ड में हार्टअटैक लिखा रहे परिजन-
मोक्षधाम की रिकार्ड संभालने वाले दौलत कडू का कहना है कि अधिकांश मृतकों के परिजनों द्वारा मौत की वजह हार्टअटैक लिखा रहे है। हार्ट अटैक के अलावा कई बुजुर्गों की मौत का कारण सामान्य बीमारी बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अधिकांश मृतकों ने घरों में ही दम तोड़ा है।
अस्पताल जाने से भी डर रहे लोग-
इस कोरोना महामारी का भय इतना है कि सामान्य बीमारी से ग्रसित मरीज भी दहशत में है। हालात यह है कि मरीज अस्पताल जाने से डर रहा है। घरों में ही दवाएं लेकर स्वस्थ होने के फेर में लोग अपनी जान गंवा रहे है।
पहली बार देखा ऐसा मंजर-
मोक्षधाम का मेंटेनेंस करने वाले दौलत कडू बताते है कि उन्हें मोक्षधाम में सेवा देते वर्षों बीत गए है। पहली बार ऐसी स्थिति बनी है जब अंतिम संस्कार के लिए शेड कम पड़े है। मृतकों का अंतिम संस्कार खुले में कराना मजबूरी बन गई है।
हालात यह कि सफाई तक नहीं हो रही-
मोक्षधाम के इन दिनों यह हालात है कि चारों तरफ अंतिम संस्कार के बाद छोड़े गए सामान पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से यहां गंदगी का आलम बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर मोक्षधाम में नगरनिगम की ओर से सिर्फ एक कर्मचारी है अन्य छह युवक काफी कम आमदनी में सुबह से शाम तक अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी जमाने आदि सेवाएं दे रहे है।
 

Created On :   19 April 2021 6:31 PM IST

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