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सत्ताधारी आघाड़ी बना रही नाराज विधायकों की सूची, नागपुर में मिलेंगे पवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भले ही शिवसेना के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार बन गई है, बावजूद इसके सत्ता पाने से चूक गई भाजपा फिर से मौके की तलाश में है। माना जा रहा है कि भाजपा की नजर प्रमुख रूप से राकांपा और कांग्रेस के विधायकों पर है। भाजपा की मंशा भांप सत्ताधारी आघाड़ी के नेताओं ने इस ओर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। सूत्र बताते हैं कि राकांपा सुप्रीमों शरद पवार 16 दिसंबर को नागपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे अपने विधायकों के साथ समूह और फिर अलग-अलग बातचीत करेंगे।
सता रहा है अजित की नाराजगी का डर
जानकारी के मुताबिक शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस तीनों दल अपने-अपने वैसे विधायकों की सूचि बना रही हैं, जो खुलकर पार्टी के साथ नहीं हैं और जिनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। आघाड़ी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राकांपा के विधायकों को लेकर आशंका ज्यादा है। माना जा रहा है कि 80 घंटे के लिए भाजपा के देवेन्द्र फड़नवीस के साथ उपमुख्यमंत्री रह चुके राकांपा नेता अजित पवार मौजूदा सरकार में मिले दायित्व से संतुष्ट नहीं हुए तो फिर से खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में राकांपा की अपने उन विधायकों पर खास नजर है जो अजित के नजदीकी हैं और जो पालाबदल के खेल में आगे भूमिका निभा सकते हैं। ऐेसे लगभग दर्जन भर से ज्यादा विधायकों की पहचान की गई है।
16 दिसंबर से शुरू हो रहा है नागपुर अधिवेशन
दरअसल उद्धव सरकार बनवाने के बाद शरद पवार की राष्ट्रीय स्तर पर जो साख फिर से बनी है, उसे वह आगे भी बरकरार रखना चाहते हैं। उनकी कोशिश हर हाल में अपने विधायकों को एकजुट रखने की है। इसके लिए वे विधायकों के साथ सख्ती से पेश आने के मूड में भी हैं। इसी क्रम में पवार 16 दिसंबर को नागपुर जा रहे हैं, जहां महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन प्रस्तावित है। सूत्र बताते हैं कि पवार नागपुर में संदिग्ध भूमिका वाले अपने विधायकों से अलग-अलग मिलकर बात करेंगे। जानकार बताते हैं कि पवार ने शिवसेना से भी कहा है कि वह राकांपा के संदिग्ध विधायकों की सूचि उन्हें दे।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बढ़ेगीअसंतुष्टों की संख्या
राकांपा की तरह कांग्रेस और शिवसेना ने भी अपने असंतुष्ट विधायकों की सूचि बनाई है। ऐसी एक और सूचि राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भी बनेगी। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्री बनने से चूक गए कुछ वरिष्ठ नेता असंतुष्ट गतिविधियों को हवा दे सकते हैं। लिहाजा पार्टी नेतृत्व पहले से सावधान है।
Created On :   9 Dec 2019 9:51 PM IST