जनता पानी के लिए तड़प रही और 5 दिन से ललपुर में चल रहे प्रयोग

एक जगह लीकेज बनता है तो दूसरी जगह फूट जाती है लाइन, यह भी नहीं पता कब हल होगी समस्या, लोगों ने कहा - निगम से नहीं हो रहा तो क्यों नहीं ली जा रही अन्य विशेषज्ञों की मदद
डिजिटल डेस्क जबलपुर । यहाँ का लीकेज बना तो वहाँ लाइन फूट गई, ये वाला प्लांट बना तो वो वाला प्लांट गड़बड़ हो गया, आज नहीं कल मिलेगा पानी, कुछ और इंतजार करो। ऐसे जवाब सुनते-सुनते शहर की जनता अब खुद पर रो रही है क्योंकि ननि ने ललपुर वॉटर फिल्टर प्लांट और उसकी राइजिंग मेन लाइन को प्रयोगशाला बना दिया है। 2 दिनों में सुधार कार्य समाप्त करने का वादा करने वाले अधिकारी 5 दिनों बाद भी यह कहने की स्थिति में नहीं हैं कि आखिर जनता को राहत कब मिलेगी। बड़े अधिकारी और नेता भी खामोश हैं जबकि अब तक पीएचई या फिर अन्य निजी इंजीनियरों की मदद लेकर समस्या को हल किया जा सकता था।
ललपुर राइजिंग मेन लाइन को सीधा करने के कार्य का सोमवार को पांचवां दिन था और अभी न जाने कितने दिन और लगेंगे यह कहने कोई तैयार नहीं। शुक्र है कि 55 एमएलडी प्लांट की लाइन काम करने लगी और 14 टंकियों से जलापूर्ति शुरू हो गई लेकिन अभी भी 42 एमएलडी प्लांट से जुड़ी 9 टंकियों से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे हजारों की आबादी को विकट समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 5 दिनों तक पानी न मिले यह तो आदमयुग जैसी बात है। रोज नए दावे और वादे किए जाते हैं लेकिन आखिर में सब फुस्स हो जाता है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएँ पानी का इंतजाम करते-करते थक गए हैं फिर भी निगम अधिकारी अपनी डफली बजा रहे हैं। एक देश दूसरे देश की मदद ले लेता है लेकिन यहाँ तो दूसरे विभागों से मदद माँगी ही नहीं गई।
ननि की अदूरदर्शिता का परिणाम
नगर निगम की अदूरदर्शिता के कारण जबलपुर की जनता पानी के लिए परेशान हो रही है। लोगों को पानी की तलाश में भटकते चार दिन हो गये लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव राजेन्द्र गुप्ता, मुस्तफा अंसारी, सलामत कामरेड, शफीक जौहर आदि ने नगर निगम की निन्दा करते हुए कहा है कि तत्काल पानी के संकट को हल किया जाए, अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
यहाँ सुधरा, वहाँ फूटानिगम अधिकारियों ने दावा किया कि जिस स्थान पर राइजिंग मेन लाइन का मिलान किया गया है वह अब ठीक हो चुका है और वहाँ कोई लीकेज नहीं है लेकिन डेढ़-दो साल पहले डली जिस लाइन में मिलान किया गया है उसमें आगे एक दूसरा लीकेज हो गया है जिससे सोमवार की शाम को परेशानी शुरू हो गई। कहा गया कि दो घंटे तक 42 एमएलडी प्लांट को भी चलाया गया लेकिन बाद में लीकेज के कारण उसे बंद कर दिया गया। केवल 4 टंकियों से समस्या
निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि अब केवल भँवरताल, गुप्तेश्वर, सेठी नगर और बादशाह हलवाई मंदिर की टंकियों में ही पानी नहीं पहुँच पा रहा है और जल्द ही उनमें भी पानी दिया जाएगा, लेकिन शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जलसंकट बुरी तरह हावी हो चुका है। 55 एमएलडी प्लांट से भी भरी जाने वाली टंकियों से पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है। केवल 10-15 मिनट ही नल चलकर बंद हो रहे हैं जिससे इतने दिनों से परेशान लोगों की समस्या अभी भी बरकरार है।
इतना जरूरी था ही क्यों?
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि आखिर ललपुर की राइजिंग मेन लाइन को अचानक ही सीधा करने का होश आया किसलिए। कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि
किसी को लाभ पहुँचाने के िलए ऐसा िकया गया लेकिन िनगम अधिकारी इस बात पर इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है िक नयागाँव और तिलहरी में बनी नई टंकियों को भरने के लिए साथ ही अन्य टंकियों को तेजी से भरने के लिए लाइन का सीधा होना जरूरी था। अब इस मामले का राजनीतिकरण भी हो चुका है और पूर्व कांग्रेसी पार्षदों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर उनसे शिकायत करने की चेतावनी दी है।
इनका कहना है
ललपुर राइजिंग मेनलाइन का सुधार कार्य रात 10 बजे पूरा हो गया। मंगलवार को सभी टंकियों से जलापूर्ति की जाएगी।
कमलेश श्रीवास्तव, ईई ननि
Created On :   6 July 2021 2:41 PM IST