पुलिस आयुक्त ने बताया- डिजिटल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगे गए हैं लोग

People have been cheated in the name of digital cryptocurrency - Police Commissioner
पुलिस आयुक्त ने बताया- डिजिटल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगे गए हैं लोग
Fraud पुलिस आयुक्त ने बताया- डिजिटल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगे गए हैं लोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करीब दो हजार निवेशकों को 40 करोड़ रुपए से चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में दंपति सहित गिरोह के 4 लोगों को लोनावला से िगरफ्तार कर नागपुर लाया गया है। गिरोह के सदस्यों में से अपने एक साथी को गोली मारकर मौत के घाट भी उतार दिया गया है। शनिवार को जिमखाना में हुई पत्र परिषद में पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि अन्य मामले में जेल में बंद  सुपारी व्यापारी को जमानत और पुलिस की मदद दिलाने के नाम पर 30 लाख की वसूली के मामले में पुलिस ने करीब पूरी रकम जब्त कर ली है। बेलतरोड़ी थाने के एक पुलिसकर्मी की  प्रकरण में संदिग्ध भूमिक होने से जांच की जा रही है।

मुनाफे की लालच में फंसे निवेशक

मुख्य सूत्रधार आरोपी निशिद महादेव वासनिक उसकी पत्नी प्रगति वासनिक, आराधना नगर (खरबी), गजानन भोलेनाथ मुनगुने मूलत: चंद्रपुर जिले के भीसी वर्तमान में राजे रघुजी नगर और संदेश पंजाब लांजेवार गोड़ेगांव खदान कन्हान निवासी हैं। आरोपियों ने ईथर ट्रेड एशिया नाम से ऑनलाइन कंपनी स्थापित की थी। उन्होंने डिजिटल क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से कम समय में ज्यादा लाभ कमाने का निवेशकों को झांसा दिया था। करीब 2 हजार से भी ज्यादा निवेशक उनसे जुड़ गए। उन्हें करीब 40 करोड़ से चूना लगाने के बाद आरोपी भाग गए थे। 

शक के कारण की हत्या

इस मामले में निलेश मोहाडिकर (34) बिनाकी मंगलवारी निवासी की शिकायत पर वर्ष 2021 में यशोधरा नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकया गया था। पुलिस से बचने के लिए आरोपी वासिम भाग गया था। ठगी की रकम को लेकर गिरोह के सदस्यों का अपने ही साथी माधव पवार से विवाद हो गया। वह पासवर्ड बता नहीं रहा था। इससे आरोपियों को शक था कि माधव ठगी की रकम अपने ही खाते में ट्रांसफर कर खुद करोड़ों की रकम हथियाने की फिराक में था। इस कारण वासिम जिले के मालेगांव थाने की हद में पांधरीकुटे गांव में एक खेत में ले जाकर माधव की गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके लिए माधव का नागपुर से अपहरण किया गया था। 

जी रहे थे आराम की जिंदगी

मामले में फरार आरोपी पुणे के समीप पर्यटन स्थल लोनावला के पास स्ट्रिट वैली पांगोली में िकराए से बंगला लेकर परिवार के साथ आराम की जिंदगी जी रहे थे। इस बीच स्थानीय अपराध शाखा की यूनिट क्र.2 की टीम को आरोपियों के बारे में जानकारी मिली। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने से पहले मौके की रेकी की। इसके बाद छापामार कार्रवाई कर आरोपियों को धर-दबोचा। उन्हें नागपुर लाकर कोर्ट में पेश कर 28 फरवरी तक पीसीआर पर लिया गया है।

यह माल जब्त

कार्रवाई के दौरान आरोपियों से एक पिस्टल, 7 जिंदा कारतूस, 1 करोड़ रुपए कीमत की 4 कारें, 8 मोबाइल, लैपटॉप और नकद 18 लाख 91 हजार 201 रुपए, ऐसे कुल 1 करोड़ 13 लाख रुपए का माल जब्त िकया गया है। पत्र परिषद में अपर पुलिस आयुक्त सुनील फुलारी, नवीनचंद्र रेड्डी, उपायुक्त डॉ. अक्षय शिंदे उपस्तित थे। कार्रवाई में वरिष्ठ निरीक्षक िकशोर पर्वते, सहायक निरीक्षक पवार, मोेहेकर, बलराम झाडोकर, संतोष मदनकर, राजेश तिवारी, प्रशांत कोडापे, आशीष ठाकरे, सचिन अंधारे, योगेश गुप्ता, सूरज भोंगले, दीपक चव्हाण आदि शामिल थे।

पचमढ़ी से हुआ था गायब : निशिद ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खुद को अमीर व्यक्ति दर्शाया। बड़े-बड़े होटलों में फर्जी कंपनी के नाम से सेमिनार आयोजित किए, जिसमें उसने कम समय दुगना,चौगुना निवेश की रकम पर लाभ होने का लालच दिया। आखिरी सेमिनार उसने मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में आयोजित किया था। 31 मार्च 2021 से वह गिरोह के साथ फरार हो गया। 17 अप्रैल को निशिद और उसके िगरोह के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। पुलिस आयुक्त ने आरोपियों की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम घोषित िकया था। 

टीम को 1 लाख रुपए का इनाम

शुक्रवार की रात 2 बजे आरोपियों के बंगले पर छापा मारा गया। 3 घंटे चली कार्रवाई में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिसमें कुछ लोग आरोपियों के परिवार के सदस्य हैं। कार्रवाई में शामिल टीम को एक लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है। 
 

Created On :   20 Feb 2022 3:11 PM IST

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