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मंत्री परब के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका, साहिल खान के खिलाफ मामला रद्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब व परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टचार का आरोप लगानेवाले निलंबित आरटीओ अधिकारी गजेंद्र पाटील ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में परब व अन्य के खिलाफ स्वतंत्र जांच का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि सीबीआई अथवा किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को मंत्री परब व परिवहन विभाग अधिकारियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए जाए। बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने कहा है कि वे 8 अक्टूबर को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। याचिका में राज्य सरकार, मंत्री परब व परिवहन विभाग के अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि परिवहन विभाग में अधिकारियों के तबादले व तैनाती में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच जरुरी है। इसलिए मामले की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी अथवा सीबीआई से कराई जाए। जिससे विभाग में हुए भ्रष्टाचार व अधिकारियों के अनुचित कार्यों की जांच हो सके। अधिवक्ता वीआर राणे के मार्फत दायर याचिका में पाटील ने मंत्री परब व परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने तथा पांच अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। गौरतलब है कि इन आरोपों के बाद पाटील को नौकरी से निलंबित कर दिया गया था।
अभिनेता साहिल खान के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले को हाईकोर्ट ने किया रद्द
बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म अभिनेता साहिल खान के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर को रद्द कर दिया है। खान के खिलाफ यह एफआईआर फिल्म अभिनेता जैकी श्रॉफ की पत्नी आयशा ने साल 2015 में बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने खान पर धोखाधड़ी व आपराधिक अभित्रास का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान खान व श्रॉफ के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों ने आपसी सहमति से इस मामले को सुलझा लिया है। श्रॉफ के वकील ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने खान पर चार करोड़ रुपए न लौटाने का दावा किया था। लेकिन अब वे इस मामले को आगे नहीं बढाना चाहती है। खंडपीठ ने खान व श्रॉफ के वकील की ओर से संयुक्त रुप से कही गई बातों को रिकार्ड में लेते हुए आरोपी खान के खिलाफ दर्ज कराई गई दो एफआईआर को रद्द कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर सिर्फ एक कारोबार से जुडे विवाद को दर्शाती है और कुछ नहीं। इसलिए इसे रद्द किया जाता है। हालांकि खंडपीठ ने इस दौरान खान पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लागाया। और जुर्माने की रकम को महाराष्ट्र बाल कल्याण कमेटी के पास जमा करने का निर्देश दिया।
Created On :   15 Sept 2021 7:18 PM IST