एकनाथ शिंदे को गुवाहाटी से बुलाने लगी याचिका, जल्द होगी सुनवाई 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
हाईकोर्ट एकनाथ शिंदे को गुवाहाटी से बुलाने लगी याचिका, जल्द होगी सुनवाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में शिंदे पर राज्य में राजनीतिक उथलपुथल व राज्य सरकार में आंतरिक अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया गया है। साथ शिंदे सहित अन्य बागी विधायकों को गुवाहाटी से वापस आने का निर्देश देने की मांग की गई है।  

याचिका में बागी नेताओं पर जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह न करने व अनैतिक बर्ताव के लिए कार्रवाई करने की मांग की गई है। क्योंकि वे अपने कर्तव्यों का पालन करने की बजाय बिना बताए छुट्टी पर गए हैं। बागी नेताओं का बर्ताव न सिर्फ जनता के अधिकारों के प्रति अनादर व्यक्त करता है बल्कि यह राज्य के सुशासन को भी प्रभावित करता है। इस मुद्दे पर लेखक उत्पल बंदवार सहित सात नागरिकों ने जनहित याचिका दायर की है।

याचिका में आग्रह किया गया है कि महाविकास आघाड़ी सरकार को एक व्यापक योजना पेश करने के लिए कहा जाए कि वह मंत्रियों की अनुपस्थिति में सुशासन को कैसे सुनिश्चित करेगी। याचिका में दावा किया गया है कि मौजूदा राजनीतिक उथलपुथल से नागरिकों के अधिकार प्रभावित हो रहें है। बागी विधायकों के चलते सार्वजनिक उपद्रव हो रहे हैं और लोगों की परेशानी बढ़ रही है। इसके साथ ही विधायक संविधान की ली हुई शपथ की भी अवहेलना कर रहे हैं। 

सोमवार को अधिवक्ता असीम सरोदे ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई का आग्रह किया। किंतु खंडपीठ ने कहा कि हम जल्द ही इस याचिका पर सुनवाई की तारीख तय करेंगे। याचिका में मांग की गई है कि बागी विधायकों को महाराष्ट्र में वापस आने का निर्देश दिया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायकों को नागरिकों के काम करने चाहिए लेकिन वे यह करने की बजाय अपने निजी लाभ के लिए राज्य की आंतरिक अव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि मतदाताओं के पास गठबंधन को लेकर अपनी राय व्यक्त करने का हक नहीं है इसलिए चुनाव जीतने के बाद राजनेता खुद को भगवान समझने लगते है। 

 

Created On :   27 Jun 2022 6:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story