लक्ष्य से अधिक 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई  

Planting of paddy in 57 thousand hectare area more than the target
लक्ष्य से अधिक 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई  
गोंदिया लक्ष्य से अधिक 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई  

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में किसान खरीफ मौसम के साथ ग्रीष्मकालीन रबी मौसम में भी बड़े पैमाने पर धान की फसल लगाते हैं। इसके लिए सिंचाई प्रकल्पों से मिलने वाले पानी के अलावा निजी स्रोतों के पानी का उपयोग भी सिंचाई के लिए किया जाता है। जिससे तेज गर्मी के मौसम में भी जिले के खेतों में चारों ओर हरियाली छाई दिखाई पड़ती है। 

वर्ष 2022-23 में ग्रीष्मकालीन रबी मौसम में कृषि विभाग द्वारा कुल 43112.68 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाए जाने का नियोजन किया गया था। जबकि 1 मार्च तक प्रत्यक्ष में 57755.70 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई की जा चुकी है, जो 134 प्रतिशत है। जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रबी फसल के लिए इस बार कुल 7343.35 हेक्टेयर में धान की नर्सरी लगाई गई थी। तहसीलवार यदि देखा जाए तो तिरोड़ा एवं अर्जुनी मोरगांव तहसीलों को छोड़कर शेष सभी 6 तहसीलों के किसानों ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक कृषि भूमि पर धान की रोपाई की है। तिरोड़ा तहसील में 4284.50 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल का नियोजन किया गया था। 

जबकि प्रत्यक्ष में 4164.20 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल लगाई गई है। वहीं अर्जुनी मोरगांव तहसील में 10764.38 हेक्टेयर नियोजित क्षेत्र में से 10627 हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है, जो 99 प्रतिशत है। इसके अलावा गोंदिया तहसील में 7686.67 हेक्टेयर की बजाए 11955 हेक्टेयर में, गोरेगांव में 3219.33 हेक्टेयर की जगह 4508, देवरी में 2408.80 हेक्टेयर की बजाए 3289 हेक्टेयर में, आमगांव में 3587 हेक्टेयर नियोजित क्षेत्र की बजाए 6540 हेक्टेयर में, सालेकसा में 4862 हेक्टेयर की जगह 7062.50 हेक्टेयर में एवं सड़क अर्जुनी में 6300 हेक्टेयर की बजाए 9610 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है। इस वर्ष जिले के प्रमुख जलाशयों एवं मामा तालाबों में जल भंडारण अपेक्षा से अधिक रहने के कारण ग्रीष्मकालीन फसल के लिए सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने से ही किसानों द्वारा अधिक क्षेत्र पर फसल लगाए जाने का अनुमान है। अब जो जानकारी मिली है उसके अनुसार फिलहाल फसल की स्थिती संतोषजनक बताई जा रही है।  
 

Created On :   2 March 2023 2:47 PM GMT

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