ढाई साल से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मजदूर ने PM को लिखा , 'मौत दो या जिंदगी'

PM sent a letter asking for death, written death or life.
ढाई साल से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मजदूर ने PM को लिखा , 'मौत दो या जिंदगी'
ढाई साल से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मजदूर ने PM को लिखा , 'मौत दो या जिंदगी'

डिजिटल डेस्क, पन्ना। एमपी के पन्ना जिले में पिछले ढाई साल से जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे एक मजदूर ने PM को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। पत्र में साफ लिखा है कि उसके दोनों पैर फ्रैक्चर है और पैरों में असहनीय पीड़ा है। गरीबी के चलते वह उपचार करवाने में असमर्थ है। या तो उसका उपचार करवाया जाए या फिर सपरिवार इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए। 

दरअसल पन्ना जिले के शाहनगर तहसील के महगवां छक्का पंचायत में सुरेश आदिवासी नाम के इस दलित मज़दूर का, वाहन से गिरने के कारण करीब ढाई साल पहले दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया था। घटना के बाद वाहन मालिक ने 26 साल के इस दलित मज़दूर का भोपाल के एक सरकारी हॉस्पिटल में इलाज करवाकर उसके घर महगवां छक्का छोड़ दिया था। वह पिछले ढाई सालों से दवाइयों के अभाव में घुट-घुट कर जिंदगी जी रहा है। अब आलम ये है कि सुरेश नाम के इस मज़दूर के पैरों में डाली गई राड बाहर निकल आयी है और पैर गल रहे है। बेहद पीड़ा के चलते यह मजदूर, इच्छामृत्यु की बात करने को मजबूर हो गया है और उसने पीएम को पत्र लिखा है। सरकार ने मुख्यमंत्री मज़दूर सुरक्षा योजना का कार्ड तो बना दिया, लेकिन उसे सुरक्षा नहीं मिल सकी। अब वह जिंदगी की जंग में अपने आपको पिछड़ा हुआ महसूस कर रहा है। और वह दर्द से हार कर, हर समय मरने की बात करने लगा है।

दो वक़्त की रोटी का मोहताज़ 

ये 26 साल का मजदूर पहले काम कर लेता था और अपने परिवार का पेट भी भरता था। लेकिन अब जिंदगी की जंग लड़ रहा है। बदले में पत्नी जो मजदूरी कर लाती है, उसी से दो वक़्त की रोटी चलती है। लेकिन गरीबी में दवा के लिए पैसे नहीं बच पाते, तो उपचार कैसे हो। अब पत्नी भी राखी पर मायके गयी तो खाने के भी लाले पड़ने लगे हैं।

         

Created On :   17 Aug 2017 7:41 PM IST

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