78 हजार का बिल पास कराने मांगे 18 हजार, लिपिक रंगे हाथ गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला कलेक्ट्रेट परिसर रिश्वतखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। अधिकांश सरकारी विभागों के कर्मचारियों द्वारा खुले तौर पर रिश्वत ली जा रही है। इस तरह के आरोपों की सच्चाई उस समय सामने आई जब लोकायुक्त पुलिस की टीम ने लिपिक को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को हुई इस कार्रवाई में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में पदस्थ लिपिक राकेश कुमार तिवारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया। विदित हो कि कलेक्ट्रेट परिसर में ही कुछ सालों के दौरान लोकायुक्त द्वारा तीन कार्रवाईयां की जा चुकी हैं।
यह है मामला
विभाग द्वारा उत्कृष्ट आदिवासी बालक छात्रावास में विद्युत फिटिंग का कार्य कराया गया था। जैतपुर स्थित जायसवाल इंटरप्राइजेज के प्रोपाइटर रामबहोरी जायसवाल निवासी बिलटिकुरी थाना जैतपुर ने कार्य के बाद 78510 रुपये का बिल लगाया। लिपिक राकेश तिवारी ने बिल पास कराने के एवज में 18 हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की। रामबहोरी ने 6 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत कर दी। जहां से बताए अनुसार उसने बातचीत टेप किए। योजना के अनुसार मंगलवार की दोपहर कलेक्टे्रट परिसर में गणेश मंदिर के सामने जैसे ही लिपिक ने 10 हजार लिए, लोकायुक्त ने दबोच लिया।
मची अफरा-तफरी
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर गणेश मंदिर के सामने काफी भीड़ थी। रिश्वत लेते कर्मचारी को जैसे ही दबोचा गया, वह भागने लगा। लोकायुक्त कर्मियों ने दौड़ाकर पकड़ा। जिसे देखकर वहां अफरा-तफरी मच गई। कोई समझ नहीं पाया कि आखिर माजरा क्या है। घेरे में लेकर जब पुलिस लिपिक को कार्यालय ले गई तब माजरा समझ में आया। इसके बाद एसी कार्यालय में लोगों की भीड़ इक हो गई।
होगा निलंबन
पंचनामा प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आरोपी लिपिक के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
नरोत्तम बरकड़े सहायक आयुक्त आदिवासी विकास
बिना अनुमति डीजल का भंडार- जयसिंहनगर के बंधा बाजार स्थित आरसीआर फिलिंग स्टेशन में नियम विरुद्ध तरीके से टैंक का निर्माण कर डीजल का संग्रहण करके रखा गया था। खाद्य विभाग की पहुंंची टीम को मौके पर खाद्य व विस्फोटक लायसेंस नहीं मिला। जिस पर 3821 लीटर डीजल की जब्ती बनाने के साथ पेट्रोल पंप संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी की गई।






Created On :   22 Nov 2017 1:28 PM IST