पुलिस ट्विटर पर साझा की गई फोटो को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में हुई नाकाम, महिला बरी

Police fails to prove photo shared on Twitter as electronic evidence, woman acquitted
पुलिस ट्विटर पर साझा की गई फोटो को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में हुई नाकाम, महिला बरी
कोर्ट पुलिस ट्विटर पर साझा की गई फोटो को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साबित करने में हुई नाकाम, महिला बरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने सड़क पर गलत साइट से गाड़ी चलाने से जुड़े मामले में आरोपी एक 21 वर्षीय युवती को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि पुलिस घटना को लेकर ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर  को इलेक्ट्रानिक साक्ष्य साबित करने में नाकाम रही है। पुलिस ने इस मामले को लेकर आरोपी महिला के खिलाफ  20 फरवरी 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) 336 के तहत मामला दर्ज किया था। किंतु अब गिरगांव कोर्ट के मजिस्ट्रेट एनए पाटिल ने इस मामले में आरोपी महिला को सबूत के अभाव में इस प्रकरण से बरी कर दिया है।  पुलिस ने गांवदेवी इलाके में कथित रुप से गलत साइट से गाड़ी चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था। पुलिस ने यह मामला इस इलाके में साइकिल से जा रहे एक व्यक्ति की ओर से ट्विटर पर महिला के गलत साइट से दोपहिया वाहन चलाने को लेकर साझा की गई तस्वीर के आधार पर दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीन गवाहों की गवाही को सुना।जिसमें मामले से जुडे जांच अधिकारी, ट्विटर पर फोटो साझा करनेवाला व्यक्ति व ट्विटर से जुड़े लोगों का समावेश था। 

मामले से जुड़े गवाहों व तथ्यों पर गौर करने के बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस प्रकरण में ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर काफी महत्वपूर्ण सबूत है। जो इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के दायरे में आता है लेकिन अभियोजन पक्ष साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी के तहत तस्वीर को लेकर आवश्यक प्रमाणपत्र नहीं पेश कर पाया है। इसके अभाव में मामले को लेकर अभियोजन की ओर बताई गई कहानी संदेहास्पद प्रतीत होती है। इसलिए आरोपी महिला को मामले से बरी किया जाता है। 

 

Created On :   6 March 2023 8:59 PM IST

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