प्री-प्रायमरी सेंटर - शासन ने कटनी का मॉडल पूरे प्रदेश में लागू किया

Pre-primary center - the government implemented the model of Katni across the state
प्री-प्रायमरी सेंटर - शासन ने कटनी का मॉडल पूरे प्रदेश में लागू किया
प्री-प्रायमरी सेंटर - शासन ने कटनी का मॉडल पूरे प्रदेश में लागू किया

डिजिटल डेस्क  कटनी । कटनी जिले के मॉडल को महिला-बाल विकास विभाग ने पूरे प्रदेश में लागू किया है। शासन ने प्रत्येक विकासखण्ड के एक आंगनबाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 313 आंगनबाड़ी केन्द्र में बाल शिक्षा केन्द्र शुरू किये गये हैं। इन बाल शिक्षा केन्द्रों में 6 वर्ष तक आयु वर्ग के नौनिहालों को प्री-प्रायमरी शिक्षा की तैयारी कराई जा रही है। जबकि कटनी जिले में इस तरह के 63 केन्द्र पहले से ही संचालित हो रहे हैं। शहरी परियोजना छोडकऱ छह ग्रामीण परियोजनाओं में प्रत्येक में एक-एक केन्द्र के अलावा 54 सेंटर अलग से चल रहे हैं। इनमें से दस केन्द्रों को आईएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट मिला है।
 19 विषयों का पाठ्यक्रम निर्धारित
आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक आयु के बच्चों के लिए 19 विषयों का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें स्वयं की पहचानए मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंग और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन, सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्मविश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में बच्चों के लिए आयु समूह के अनुसार तीन एक्टीविटी वर्कबुक तैयार की गई हैं। बच्चों के विकास की निगरानी के लिए शिशु विकास कार्ड भी बनाए गए हैं।
साप्ताहिक  कैलेंडर जारी
बाल शिक्षा केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए साल भर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक और साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसमें बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं। ऑगनवाड़ी छोडते समय बच्चों को प्रमाण.पत्र और प्रतिवर्ष पीण्एसण्ईण्किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड़ से प्रशिक्षित स्टेट रिर्सोस ग्रुप के द्वारा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किये गये हैंए जिनके द्वारा पर्यवेक्षकों को ष्हेण्डस ऑनष् प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑगनवाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं को भी पर्यवेक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हर दिन की एक्टिविटी तय
आंगनबाड़ी शिक्षा केन्द्र में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दैनिक गतिविधियां निर्धारित की गई हैं। इसमें क्रियात्मक और
रचनात्मक खेल, नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इसके अतिरिक्तए बच्चे अपने मन से अकेले कुछ खेल खेलना चाहते हैंए उसे भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियां कराई जाती हैं। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घन्टे का समय शाला.पूर्व शिक्षा के लिए निर्धारित है। बच्चों को एक गतिविधि के लिए 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है।
इनका कहना है
जिले में छह परियोजना में बाल शिक्षा केन्द्रों के अलावा 54 आंगनबाड़ी केन्द्र उसी पैटर्न पर डेवलप किए गए हैं। यहां के मॉडल को शासन ने पूरे प्रदेश में लागू किया है, इनमें से दस सेंटर को आईएसओ सर्टिफिकेट मिला है।
- नयन सिंह, जिला कार्यक्रम  अधिकारी
 

Created On :   29 Nov 2019 8:33 AM GMT

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